कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते आंकड़े क्या कहते हैं
देश के कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के आंकड़े चिंता को बढ़ाने वाले हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कोरोना के मामले बढ़ने के कारण क्या हैं.
देश में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर डराने लगे हैं. केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 23 हजार 285 नए मामले सामने आए. इस दौरान 117 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई. ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या देश में एक बार फिर लॉकडाउन की आशंका बढ़ रही है.

सबसे अधिक 14 हजार 317 मामले महाराष्ट्र में पाए गए. वहीं 1305 मामलों के साथ पंजाब दूसरे और 700 मामलों के साथ गुजरात तीसरे नंबर पर हैं. गुरुवार को अकेले महाराष्ट्र से ही 60 फीसदी से अधिक मामले सामने आए हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के मामलों की संख्या तेजी देखी जा रही है. गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 409 मामले दर्ज किए गए हैं. यह इस साल 9 जनवरी के बाद से सबसे अधिक है.
चिंता बढ़ाने वाले राज्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मंत्रालय का कहना है कि नए मिले मामलों में से 85.6 फीसदी मामले इन्हीं 6 राज्यों में सामने आए हैं. देश में इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण के 1 लाख 97 हजार 237 एक्टिव मामले हैं. इनमें से 71.69 फीसदी मामले अकेले महाराष्ट्र और केरल में हैं.
चिंता की बात यह है कि जिन 6 राज्यों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उनमें से तमिलनाडु और केरल में इन दिनों विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. वहां पड़े पैमाने पर राजनीतिक रैलिया, जुलूस और जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं. इनमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं. ऐसे में अगर वहां कोरोना के नए मामलों के सामने आने में तेजी आए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. ऐसा कहने के पीछे तथ्य यह है कि विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे एक बड़ी वजह वहां जनवरी में हुए पंचायत चुनाव को बताया है. इस दौरान न तो आम लोगों ने और न ही नेताओं ने कोरोना से बचाव के उपाय अपनाए.

21 फरवरी को महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों की संख्या 21 लाख को पार कर गई थी. इसके ठीक एक महीने पहले 21 जनवरी को वहां कोरोना के मामलों की संख्या 20 लाख 878 थी. इसका मतलब यह हुआ कि वहां एक महीने में ही एक लाख मामले बढ़ गए. लेकिन 21 फरवरी के बाद अगले 1 लाख मामले केवल 13 दिन में ही बढ़ गए. इस आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वहां किस तेजी से कोरोना बढ़ रहा है.
लॉकडाउन का फैसला
महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए वहां की सरकार ने नागपुर, अकोला और परभणी में लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. अकोला में शुक्रवार रात आठ बजे से 15 मार्च की सुबह आठ बजे तक लॉकडाउन रहेगा. परभणी में शुक्रवार रात 12 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाएगा. वहीं नागपुर में यह 15 मार्च से 21 मार्च के दौरान लगाया जाएगा. पुणे में रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक का कर्फ्यू लगा दिया गया है. स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. होटल और बार रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कोरोना के वैक्सीन की पहली डोज ली. इसके बाद उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन जैसे सख्त कदम अन्य राज्यों को भी उठाने चाहिए.
देश में बीते साल 21 मार्च को एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया था. उस दिन तक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के केवल 271 मामले ही सामने आए थे और 4 मौतें दर्ज की गई थीं. सरकार ने 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी. जिसे सरकार ने कई चरण में हटाया था और अनलॉक शुरू किया था. जो भी आज भी जारी है. रेलवे जैसी सेवा आज भी कोरोना के संक्रमण से गुजर रही है. वह पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई है. रेल यात्रा पर तमाम तरह की पाबंदियां जारी हैं.

अब ऐसे में जब देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है तो लॉकडाउन की आशंका एक बार फिर बलवती हो जाती है. लॉकडाउन के दौरान लोगों के सामने खड़ी हुई समस्याएं भी नजर आने लगती हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों की काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. विशेषज्ञ एक बार फिर पूर्ण लॉकडाउन लगाए जाने की संभावना से इनकार कर रहे हैं. लेकिन अगर कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए सरकार को कोई कदम उठाना पड़ता भी है तो उसे लोगों का ध्यान रखना होगा. जिससे उन्हें कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े.
Related Stories
कोरोनावायरस : 1 हजार से अधिक संक्रमिल लोगों वाला देश का पहला राज्य बना महाराष्ट्र
आज रात से मुंबई में भी सिनेमाहॉल और जिम बंद, कुल 5 राज्यों में सिनेमा का कारोबार ठप, इन फ़िल्मों को हुआ बड़ा नुक़सान
कोरोना: तमिलनाडु में भी आंकड़ा हज़ार के पार, बड़ी तादाद में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ संक्रमित
मुंबई की सड़कों पर फिर से दौड़ती नज़र आएंगी ओला कैब, हेल्थ स्टाफ को देंगी टैक्सी सेवाएं