उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से हुए भूस्खलन से अलनकनंदा और धौलीगंगा नदियों में रविवार को भयंकर बाढ़ आ गई है. इसमें अब तक 14 लोगों के मारे जाने करीब 170 लोगों के लापता होने की खबर है.
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से हुए भूस्खलन से अलनकनंदा और धौलीगंगा नदियों में रविवार को भयंकर बाढ़ आ गई है. यह बाढ़ पांच पुलों को बहा ले गई. बाढ़ के रास्ते में आए घरों, एनटीपीसी का पावर प्लांट और एक छोटा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट ऋषिगंगा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.

इस घटना में अब तक 14 लोगों के मारे जाने की खबर है. प्रशासन के मुताबिक करीब 170 लोग लापता हैं. तपोवन एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट की सुरंग में 30 मजदूरों के फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा आईटीबीपी की टीमें भी लगी हुई हैं.
तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट की टनल में फंसे करीब 30 मजदूरों को निकालने के लिए सेना के इंजीनियरिंग विंग के 40 जवानों का दल सोमवार तड़के 2 बजे से जुटा हुआ है. रात में जलस्तर कम होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था. जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है. 250 मीटर लंबी टनल मे भारी मात्रा में मलबा आने के कारण राहत-खोज कार्यों में दिक्कत आ रही है.
ITBP personnel on the rescue mission at Tunnel in Tapovan, #Chamoli, Joshimath. Excavators being used to clear the slush and debris inside the tunnel to open it.#Himveers #Dhauliganga pic.twitter.com/UY27li1SVe
— ITBP (@ITBP_official) February 8, 2021
प्रशासन के मुताबिक करीब 170 लोग, इनमें एनटीपीसी प्लांट पर काम करने वाले 148 और ऋषिगंगा पर काम करने वाले 22 लोग लापता हैं. एक दूसरे टनल में फंसे 12 लोगों को आईटीबीपी की टीम ने निकाला है. लेकिन एक दूसरी टनल में 30 लोग फंसे हुए हैं. उन्हें बचाने की कोशिश हो रही है. जानकारी है कि यह सुरंग 2.5 किलोमीटर लंबी है.
सोशल मीडिया पर जोशीमठ पर नदी में जलस्तर बढ़ने की खबरें चलने के बाद उत्तराखंड पुलिस और पीआईबी ने इसका खंडन किया है. इन खबरों को अफवाह बताया गया है. पुलिस ने लोगों को विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करने को कहा है.

ऋषिगंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट बह जाने से करीब 700 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित आईटीबीपी और पुलिस की कई टीमें लापता लोगों और शवों की खोज में जुटे हुए हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से अतिरिक्त 2-2लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
Respect ???????????? https://t.co/iEOk7vQyLj
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) February 8, 2021
नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी ने रविवार देर रात एक बैठक के बाद बताया की केंद्रीय जल आयोग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर नीचे की ओर बाढ़ आने का खतरा अब नहीं है और पानी के बढ़े हुए स्तर को काबू में कर लिया गया है. वहीं, आसपास के इलाकों में मौजूद गांवों को भी कोई खतरा नहीं है.
प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं. जोशीमठ में 30 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है. श्रीनगर, ऋषिकेश, जॉलीग्रांट और देहरादून में अस्पतालों को स्टैंडबाई पर रखा गया है.

यह घटना उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव के पास हुई. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने रैणी गांव से एक हजार किलोमीटर दूर इलाहाबाद तक गंगा किनारे के इलाकों में हाई अलर्ट किया है. गंगा किनारे के अधिकांश स्थान खाली करा लिए गए हैं. उत्तर प्रदेश के गंगा किनारे पर स्थित 11 मंडलों और 27 जिलों को हाईअलर्ट कर दिया गया है.