सिलगेर में CRPF कैंप के खिलाफ आदिवासियों का आंदोलन जारी है
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में है सिलगेर गाँव। सिलगेर बस्तर के सुकमा इलाके में आता है। सिलगेर में CRPF कैंप के खिलाफ आदिवासियों का आंदोलन जारी है। मई 12 को यहाँ पर CRPF का नया कैंप लगाया गया था। कैंप लगने के बाद से ही आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन जारी हो गया है।
17 मई को यहाँ पर सुरक्षा बल और आदिवासियों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प के दौरान 3 लोगों की गोली लग कर मौत हुई, और 3 उससे घायल हुए। बेला भाटिया का कहना है की गोली के अलावा भी लोग घायल हुए हैं। बेला भाटिया और ज्याँ द्रेज की तथ्यान्वेषी समिति इस इलाके में गई थी और उनका मानना है कि सुरक्षा कर्मियों के बल प्रयोग की वजह से 3 लोगों की मौत हुई और बहुत से लोग घायल हुए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने बेला भाटिया की तथ्यान्वेषी समिति की रिपोर्ट पर कई सवाल उठाये हैं। पुलिस का दावा है की 17 मई की घटना में कुछ माओवादी तत्वों की वजह से स्तिथि काबू से बहार हो गयी और इसी वजह से वहां गोली का और बल का प्रयोग करना पड़ा। एक तरफ जहाँ ये धारणा बन रही है कि सिलगेर का आंदोलन CRPF कैंप के खिलाफ ख़त्म हो चूका है, बेला भाटिया जैसे कार्यकर्ता कहते है कि इस वक्त भी जमीन पर सिलगेर आंदोलन जारी है। बेला भाटिया का कहना है की इस इलाके में तनाव ख़त्म करने का एक ही ताकतवर उपाय है जोकि है ग़ैरफ़ौजीकरण और साथ ही वहां के आदिवासी लोग और नक्सल माओवादियों के साथ बातचीत का दौर दोबारा शुरू करना। पिछले डेढ़ दशकों में छत्तीसगढ़ में लगातार सैन्यकरण और सुरक्षा बल को बढ़ाया गया है और कैंप लगातार खोले गए हैं जिसकी वजह से सुरक्षा बल और लोगों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है।

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