बीजेपी ने कुलदीप सेंगर के करीबी अरुण का पंचायत अध्यक्ष टिकट काटा
उन्नाव के माखी रेप कांड के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी और राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप उर्फ धुन्नी सिंह के दामाद अरुण सिंह को भाजपा ने उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित करने के बाद टिकट वापस ले लिया
अरुण सिंह प्रत्याशी घोषित करने के बाद टिकट वापस ले लिया है. ध्यान रहे कि प्रत्याशी घोषित होने के रेप कांड पीड़िता ने अपना विरोध दर्ज कराया था. बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में पत्र भी लिखा था. जिस पर विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने कुछ ही घंटों में यू टर्न मार लिया और अरुण सिंह का टिकट काटकर शकुन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है. शकुन सिंह उन्नाव के वार्ड नम्बर 22 फतेहपुर चौरासी से जिला पंचायत सदस्य हैं. इससे पहले भी बीजेपी कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सिंह सेंगर का टिकट घोषित होने के बाद काट चुकी है. उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन 26 जून को होना है, जबकि मतदान 3 जुलाई को होगा.
बलात्कार पीड़िता ने गुरूवार को वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा व्यक्त की. उसने कहा था कि भाजपा ने उन्नाव से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अरूण सिंह को उम्मीदवार बनाया है जो रेप कांड के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर के करीबी हैं. पीड़िता का आरोप है कि अरूण सिंह भी बलात्कार में न सिर्फ शामिल था बल्कि उसके पिता की हत्या में भी वह नामजद है.
#UP Arun Singh, whom BJP
— Mohammad Sartaj Alam (@SartajAlamIndia) June 24, 2021
has given a ticket for panchayat president, is named accused in my father's murder: #Unnao_rape_victim
Actually Arun is close to Unnao rape case accused Kuldeep Singh #Sengar. He is also the son-in-law of Minister of State @DhunniB. No familyism in BJP? pic.twitter.com/yvgrh7WCAq
इस बारे में पार्टी के जिलाध्यक्ष राजकिशोर रावत ने एशियाविल को बताया, “हमसे तो पहले पार्टी ने कहा कि इन्हें घोषित करो. फिर जो भी कारण रहा हो वह प्रदेश भी जानता है, किस वजह से उन्होंने बदला है. परिवर्तन में दूसरा नाम हो गया बस इतना विषय हमारे संज्ञान में है. इससे ज्यादा न हमें जानकारी है और न ही हम बता पाएंगे.”
क्या पहले उनके बारे में पार्टी को नहीं पता था, इस सवाल पर राजकिशोर रावत कहते हैं, “इससे पहले जिला पंचायत का चुनाव लड़े हैं उस समय कोई ऐसी खिलाफ में चर्चा नहीं आई. उसके बाद पार्टी से दो लोगों ने अप्लाई किया था. जो पार्टी जिसको कहती है, हम कर देते हैं. हमारा काम तो जो वहां से सूचना, निर्देश आए, उसका पालन करना है. इतना ही हमें कहना है, इसके अलावा उस विषय में हमें कुछ भी जानकारी नहीं है.”
क्या इससे पार्टी को चुनाव में नुकसान हो सकता है, इस पर रावत कहते हैं, “ये तो जिला पंचायत का चुनाव है इसमें गिने-चुने सदस्य वोट करते हैं. ये कोई पब्लिक चुनाव तो है नहीं, जो निर्वाचित होकर आ गया उन्हीं में से चयन होना है.”
2017 के उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा उन्हे पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में भी 10 साल की सजा मिली है. भाजपा ने 2019 में चार बार विधायक रह चुके सेंगर को पार्टी से बाहर निकाल दिया था. उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी.
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