योगी आदित्यनाथ के स्वागत में रंगोली बनाने के लिए अध्यापकों को बुलाया, आलोचना पर वापस लिया आदेश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी आदेश में मुख्यमंत्री के स्वागत में रंगोली बनाने के लिए सुबह 4 बजे हवाई अड्डा पहुंचने को कहा गया था. इसकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई.
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल है. इस आदेश में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बरेली आगमन को देखते हुए 15 अध्यापकों को सुबह 4 बजे हवाई अड्डे पर पहुंचने के लिए कहा गया है. उन्हें मुख्यमंत्री के स्वागत में भव्य रंगोली बनाने और मंच को सजाने का काम सौंपा गया है. आदेश में कहा गया है कि इस काम में जरा भी लापरवाही क्षम्य नहीं होगी. सोशल मीडिया पर इस आदेश के वायरल गोने के बाद विभाग ने इस आदेश को वापस ले लिया है.

बरेली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी आदेश का विषय है, '' दिनांक 08 मार्च 2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी के बरेली आगमन पर एय़रपोर्ट बरेली में मंच सज्जा और रंगोली सजाने के संबंध में.''
क्या कहा गया था आदेश में
इस आदेश में कहा गया है, ''उपर्युक्त विषयक दिनांक 08 मार्च 2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी के बरेली आगमन पर एयरपोर्ट बरेली पर स्वागत हेतु भव्य रंगोली का निर्माण किया जाना है. अत: आपको आदेशित किया जाता है कि आप उक्त कार्यक्रम स्थलपर सुबह 4 बजे उपस्थित होकर मंच सज्जा और रंगोली बनाना सुनिश्चित करें. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी.''
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिले के 15 अध्यापकों को यह आदेश दिया है. इसमें 10 महिला और 5 पुरुष अध्यापक शामिल हैं.
किसी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के इस आदेश को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की खिंचाई शुरू कर दी. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस आदेश को ही वापस ले लिया.
बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एशियाविल हिंदी को बताया ''यह आदेश 5 मार्च को ही वापस ले लिया गया था. अब किसी भी अध्यापक को एयरपोर्ट जाने की जरूरत नहीं है.''
जब उनसे पूछा गया कि आदेश निरस्त क्यों किया गया, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आदेश लिखित रूप में जारी हो गया था, इसलिए इसे वापस ले लिया गया. क्या मौखिक रूप से यह आदेश अभी भी प्रभावी है, इस सवाल पर बीएसए ने कहा कि नहीं और अब किसी भी टीचर को वहां जाने की जरूरत नहीं है.

इस आदेश के सोशल मीडिया पर वायरल होने के पीछे एक वजह यह थी कि इस साल जनवरी में एक ऐसा ही मामला कानपुर देहात में सामने आया था. वहां 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से बिना स्वेटर के योग करवाया गया था. इस खबर को टीवी चैनल पर दिखाया गया था. इसके बाद शिक्षा विभाग ने मोहित कश्यप, अमित सिंह और यासीन मलिक नाम के तीन पत्रकारों के खिलाफ धारा-505 और 506 के तहत मामला दर्ज करा दिया था. इसको लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की काफी आलोचना हुई थी.