अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारुखी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई वकील या व्यक्ति कहता है कि वो इस फैसले को चुनौती देगा तो इसे सही नहीं माना जाना चाहिए.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में एक अहम पक्ष रहे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारुखी ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वो इस फैसले को चुनौती नहीं देंगे.
फारुखी ने पीटीआई से कहा, "इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसले को चुनौती देने का कोई इरादा नहीं है." उन्होंने कहा कि फिलहाल हम फैसले का व्यापक अध्ययन कर रहे हैं और इसके बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड विस्तृत बयान जारी करेगा. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर कोई वकील या व्यक्ति कहता है कि वो इस फैसले को चुनौती देगा तो इसे सही नहीं माना जाना चाहिए.
फारुखी का ये बयान इसलिए अहम है कि क्योंकि सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने फैसला आने के बाद इसे चुनौती देने की बात कही थी. जिलानी ने दिल्ली में कहा था कि फैसले में कई विसंगतियां हैं इसलिए इसे चुनौती दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी (फोटो - पीटीआई)
हालांकि बाद में पीटीआई से बात करते हुए जिलानी ने कहा कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव के तौर पर बोल रहे थे. उनका बयान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील के रूप में नहीं था.
आपको बता दें कि बोर्ड ने पिछले महीने विवादित जमीन पर अपना दावा वापस लेने का प्रस्ताव दिया था. बोर्ड ने कहा था कि वो राष्ट्रीय हित में ये फैसला ले रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने आमराय से फैसले में विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. कोर्ट ने ये जमीन राम लला विराजमान को सौंपी है. वहीं सु्न्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दी जाएगी.