शाहजहांपुर आशा वर्कर पिटाई प्रकरण : आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर संगठनों का 17 नवंबर को देशव्यापी आंदोलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आशा वर्कर्स को बतौर 'कोरोना योद्धा कोविड महामारी में उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित कर चुके हैं.
लेकिन दूसरी ओर बीजेपी शासित यूपी के शाहजहांपुर में पुलिस पर आशा वर्करों की बेरहमी से पिटाई का आरोप है. दरअसल बीते 9 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाहजहांपुर गए थे. सीएम योगी की सभा के पहले आशा कार्यकर्ता मानदेय और पदोन्नति की मांग को लेकर उनसे मिलने के लिए गई थीं. लेकिन आरोप है कि पुलिस ने आशा कार्यकर्ताओं को सभा में जाने से रोका गया और उनकी पिटाई की. आशा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आने से पहले सभास्थल खिरनीबाग स्थित जीआईसी मैदान में घुसने का प्रयास कर रही थीं. इसको लेकर पुलिस और आशा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होने लगी आरोप है कि उन पर पुलिस ने बेरहमी से हमला किया. जिसमें एक आशा गंभीर रूप से घायल भी हो गई थी. हालांकि पुलिस ने ऐसी घटना से इंकार किया था. अब इसी प्रकरण को लेकर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन, उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन, आल इन्डिया सेंट्रल काउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) ने 17 नवंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है.


इस मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने संज्ञान लेकर ट्वीट कर आशा कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने की मांग की थी.
प्रियंका ने टवीट किया था, “उप्र सरकार द्वारा आशा बहनों पर किया गया एक-एक वार उनके द्वारा किए गए कार्यों का अपमान है. मेरी आशा बहनों ने कोरोना में व अन्य मौकों पर पूरी लगन से अपनी सेवाएं दीं. मानदेय उनका हक है. उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य. आशा बहनें सम्मान की हकदार हैं और मैं इस लड़ाई में उनके साथ हूं.”
साथ ही उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस पार्टी आशा बहनों के मानदेय के हक और उनके सम्मान के प्रति प्रतिबद्ध है और सरकार बनने पर आशा बहनों एवं आंगनबाड़ी कर्मियों को 10,000 रु प्रतिमाह का मानदेय देगी.
उप्र सरकार द्वारा आशा बहनों पर किया गया एक-एक वार उनके द्वारा किए गए कार्यों का अपमान है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 10, 2021
मेरी आशा बहनों ने कोरोना में व अन्य मौकों पर पूरी लगन से अपनी सेवाएं दीं। मानदेय उनका हक है। उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य।
आशा बहनें सम्मान की हकदार हैं और मैं इस लड़ाई में उनके साथ हूं। pic.twitter.com/fTmBSvJbQD
प्रियंका से घायल कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में मुलाकात भी की थी. जिसमें पूनम के हाथ पर प्लास्टर चढ़ा हुआ था. उन्होंने घायल पूनम पांडेय को सहारा अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया और कहा कि इलाज का पूरा खर्च पार्टी वहन करेगी.
संगठनों की जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक, शाहजहांपुर मे आशा वर्कर्स के साथ की क्रूरता के विरुद्ध 17 नवंबर को आल इन्डिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन सम्बद्ध ऐक्टू के अखिल भारतीय प्रतिरोध दिवस पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स अपनी मजबूत भागेदारी के साथ साथ लखनऊ सहित प्रदेश के मुख्यालयों , प्रखण्ड कार्यालयो , पी एच सी ,सी एच सी सहित उप केन्द्रो मे प्रतिरोध प्रदर्शित करें व निम्न मांग पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल को भेजने को कहा गया है. जिसमें 4 प्रमुख मांगें हैं. जिसमें शाहजहांपुर मे आशा वर्कर्स के साथ 9 नवंबर को पुलिस द्वारा किये गये बर्बर कृत्य की न्यायायिक जांच, पुरूष पुलिस कर्मियो द्वारा महिला आशा कर्मियो के साथ मार पीट, एक आशा पूनम पांडेय द्वारा दुरव्यवहार का विरोध करने पर गलाकश कर हत्या की कोशिश और उसी प्रयास मे उनका हाथ तोड़ डालने वाले पुलिस अधिकारी व सहयोगी पुलिस कर्मियो को चिन्हित कर उनके विरुद्ध दन्डात्मक कार्यवाही के साथ साथ हत्या के प्रयास सहित मेडिकल के आधार पर अन्य सक्षम धाराओं मे मुकदमा दर्ज करने की मांग के साथ ही कानून और माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशो के विपरीत पुरूष पुलिस कर्मियो द्वारा महिला आशाओं के साथ की गई सारी कार्यवाही के ज़िम्मेदार पुलिस उच्चाधिकारियो को भी ज़ांच कर दंडित करना और सभी आशा कर्मियो पर लगाये गये फर्जी मुकदमे तत्काल वापस लेने की मांग है.
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन लखनऊ जिला संयोजक सरोजिनी बिष्ट जो शाहजहांपुर में पीड़ित आशा वर्कर से मिलकर आई थी एशियाविल से खास बातचीत की.
सरोजिनी ने मुझे बताया, “यह तो आप जानते ही हैं कि लंबे समय से देश के अलग-अलग राज्यों में और खासकर यूपी में आशा वर्कर अपने अधिकारों, वेतनमान के लिए आंदोलन कर रही हैं. उसी कड़ी में शाहजहांपुर में जो आशाएं थी वह अपना धरना कर रही थीं. 9 नवंबर को वहां मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) का कार्यक्रम था. तो उनका यह था कि हम उन्हें (योगी आदित्यनाथ) मांगों को लेकर जाकर अपना ज्ञापन सौंपेंगे. इसके लिए उन्होंने प्रशासन से अनुमति भी ली थी कि हम 5 आशा जाएंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. लेकिन इसके बावजूद पुलिस वालों का प्रयोग कर उनको रोका गया. एक महिला पूनम पांडे को बहुत बर्बरता से पीटा गया. क्योंकि उन्होंने पूछा था कि हम तो कोई नारेबाजी भी नहीं कर रहे तो आप हमें क्यों रोक रहे इसी पर पुलिस वाले भड़क गए और उन्हें बहुत ही बुरी तरीके से पीटा. साथ ही ओर आशा बहुओं को भी नाली में गिरा कर पीटा और पूनम पांडे को गाड़ी में बिठा कर भी पीटा गया. और यह भी धमकी दी गई कि अगर हम तुझे मार भी देंगे तो कुछ नहीं होगा. साथ ही 25-30 महिलाओं के विरुद्ध 186, 353 के तहत मुकदमा कर दिया गया.
सरोजिनी बताती हैं, “हालांकि इसके बावजूद भी आशा दोबारा से धरने पर वहीं बैठ गईं और वहां धरना जारी है. आरोप लग रहा है कि उन्होंने पुलिस वालों के साथ भी हाथापाई की थी इस पर सरोजिनी कहती हैं, नहीं, नहीं यह तो सब झूठा आरोप है. उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन लखनऊ से 2 सदस्य टीम शाहजहांपुर उन लोगों से वहां मिलने गई थी. तो इस पर हमारा संगठन ऑल इंडिया लेवल पर 17 तारीख को स्कीम वर्कर फेडरेशन, पूनम पांडे को न्याय दो और महिलाओं पर मुकदमा वापस लो. साथ ही दोषी पुलिस वालों ने के खिलाफ बर्खास्त करने समेत तमाम मांगों को लेकर 17 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा.”