‘तब्लीगी जमात’ पर रिपोर्टिंग बेहद आपत्तिजनक, अभद्र, भड़काऊ और पूर्वाग्रह वाली : एनबीएसए की न्यूज चैनलों को फटकार
एनबीएसए यानि न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने एक अंग्रेजी और दो क्षेत्रीय न्यूज चैनल समेत कुल तीन न्यूज चैनलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. एनबीएसए ने पिछले साल तब्लीगी जमात के सदस्यों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने पर अंग्रेजी समाचार चैनल टाइम्स नाउ को फटकार लगाई और दो कन्नड़ चैनलों – न्यूज 18 कन्नड़ और सुवर्णा न्यूज पर जुर्माना लगाया है. पिछले साल देश में कोरोना महामारी के बीच मरकज और तब्लीगी जमात पर इन न्यूज चैनल पर गैरजिम्मेदाराना तरीके से समाचारों को चलाने का दोषी पाया गया है.
साथ ही घटना की रिपोर्टिंग के लिए इन्हें दर्शकों से माफी मांगने को भी कहा गया है. एनबीएसए के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके सीकरी (सेवानिवृत्त) ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए न्यूज चैनल की भाषा को ‘अभद्र’ और ‘पूर्वाग्रह और तबाही’ के साथ ही ‘भड़काऊ’ बताया जिसने धार्मिक भावनाओं की अवहेलना की और सामाजिक सद्भाव के ढांचे को तोड़ दिया. बेंगलुरू स्थित एक वॉलंटियर ग्रुप “कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच” ने पिछले साल एनबीएसए से इन चैनलों की रिपोर्टिंग की शिकायत की थी, जिस पर यह फैसला सुनाया गया है.
[Reporting on Tablighi Jamaat] NBSA imposes 1 lakh fine on News18 Kannada for inciting religious hatred, Rs. 50,000 on Suvarna News; censures Times Now#tablighijamaat #news18kannada #suvarnanews@TimesNow @News18Kannada @AsianetNewsSN https://t.co/25eHjJbgs2 pic.twitter.com/NRglaRgNz7
— Bar & Bench (@barandbench) June 17, 2021
बता दें कि देश में 2020 में कोविड-19 की शुरुआत के बाद कोरोना के आक्रमण के बाद से जब देश दहशत की स्थिति में था तब प्रमुख मीडिया घरानों ने देश में कोरोना के प्रसार के लिए तब्लीगी जमात की निंदा की और तब्लीगी जमात को कोरोना के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उनमें से कई ने तो इसके लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे “कोरोना जिहाद” भी कहा था. जिस कारण देश के अलग-अलग हिस्सों से मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आई थीं.
दरअसल मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी समुदाय का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां तब्लीगी समुदाय के लोगों ने दौरा किया था. इसके बाद 30 मार्च को इस इलाके को सील कर दिया गया था. इस बीच, विभिन्न अदालतों ने बताया था कि कुछ समाचार चैनलों ने आपत्तिजनक कवरेज प्रसारित किया था. इस बीच, विभिन्न अदालतों ने भी बताया था कि कुछ समाचार चैनलों ने आपत्तिजनक कवरेज प्रसारित किया था और तबलीगी जमात के सदस्यों को अदालत बरी भी कर चुकी है.
एनबीएसए ने बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि तब्लीगी जमात पर न्यूज चैनल की रिपोर्टिंग बेहद आपत्तिजनक और अटकलों पर आधारित थी. साथ ही इसमें पूर्वाग्रह और तबाही भी शामिल थी. समाचार चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम की भाषा भी अभद्र और भड़काऊ थी जिसने धार्मिक भावनाओं की अवहेलना की और सामाजिक सद्भाव के ढांचे को नुकसान पहुंचाया. यह एक ऐसी भाषा थी जिसने सामाजिक विभाजन पैदा करके उन्हें उकसाया और प्रोत्साहित किया.



“कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच” ने 2 अप्रैल, 2020 को टाइम्स नाउ पर प्रसारित एक पैनल चर्चा ‘क्या तब्लीगी जमात जानबूझकर भारत में तोड़फोड़ कर रही है?’ के खिलाफ एक शिकायत पर, एनबीएसए ने टाइम्स नाउ को एक संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह के कार्यक्रम को प्रसारित करने के लिए निंदा जारी की, जो समुदायों के बीच सांप्रदायिक असंतोष पैदा कर सकता है. साथ ही 1 अप्रैल, 2020 को तब्लीगी जमात पर TV18 कन्नड़ द्वारा प्रसारित दो कार्यक्रमों पर भी आपत्ति जताई. और एनबीए को देय ब्रॉडकास्टर पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और इसे आचार संहिता और प्रसारण मानकों के उल्लंघन के लिए 23 जून को ऑन एयर जुर्माना लगाने के अलावा 23 जून को रात 9 बजे प्रसारित होने वाले न्यूजलेटर से पहले दर्शकों से माफी मांगने का भी निर्देश दिया है. प्राधिकरण ने ब्रॉडकास्टर से सभी वेब पोर्टलों से दोनों कार्यक्रमों के वीडियो को हटाने के लिए भी कहा है. इसके अलावा, 31 मई से 4 अप्रैल, 2020 के बीच सुवर्णा न्यूज द्वारा प्रसारित सात कार्यक्रमों के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, एनबीएसए ने ब्रॉडकास्टर पर एनबीए को देय 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया और उसे सार्वजनिक मंचों से वीडियो हटाने के लिए कहा.
‘कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच’ एक वॉलंटियर ग्रुप है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोग जुड़े हुए हैं जो देश भर में नफरत के खिलाफ अभियान चलाते हैं. इसकी स्थापना फरवरी 2020 में की गई थी.
कैंपेन अगेंस्ट हेट स्पीच की एक वॉलंटियर शिल्पा प्रसाद जो बेंगलुरू में वकील हैं उनसे एशियाविल ने एनबीएसए के न्यूज चैनलों पर आए इस वर्तमान फैसले पर बात की.
शिल्पा ने फोन पर मुझसे कहा, “हमने उस टाइम बहुत सारे चैनल पर कंप्लेंट डाली थी, जब वह मुसलमानों के बारे में हेट स्पीच फैला रहे थे. यह कंप्लेंट भी हमने पिछले साल मार्च में डाली थी और हम इस फैसले से बहुत खुश हैं. इस फैसले से हमें लगता है की न्यूज़ चैनल पर जरूर कुछ फर्क पड़ेगा और वह ऐसी खबर चलाने से पहले सोचेंगे.”
इसके क्या कारण हो सकते हैं न्यूज चैनल वाले ऐसा क्यूं करते हैं, इस सवाल पर शिल्पा कहती हैं, “इसके बहुत कारण हो सकते हैं. एक तो इन दिनों हमारी सोसाइटी में बहुत इनटोलरेंस आया है. तो जब भी अब यह न्यूज़ चैनल कोई सेंसेशनल खबर डालते हैं तो उसका टीआरपी बढ़ता है. तो हो सकता है कि ये टीआरपी के लिए कर रहे हों. या फिर यह भी हो सकता है कि हमारे सोसाइटी भी यही चाहती हो क्योंकि जो न्यूज़ चैनल्स के कंजूमर हैं वह भी सोसाइटी के लोग ही है. और अगर सोसाइटी इसके खिलाफ बोलती है तो निश्चित ही न्यूज़ चैनल ये नहीं करेंगे. अगर सोसाइटी के लोग भी उनके खिलाफ कुछ करते हैं तो उन्हें होता है कि हमारी कोई नोटिस कर रहा है. और उन पर फर्क पड़ता है और वह कुछ केयरफुली काम करते हैं.”
ऑर्गेनाइजेशन के बारे में शिल्पा कहती हैं, “यह हमारा एक पूरा ऑर्गेनाइजेशन है जिसमें वकील शिक्षक इंजीनियर, प्रोफेसर, एक्टिविस्ट आदि विभिन्न क्षेत्रों से लोग जुड़े हुए हैं. दरअसल हमारे मीडिया ऑर्गेनाइजेशन और सोसाइटी में बहुत हेट स्पीच है तो इससे क्या होता है कि लोगों की इक्वलिटी का हनन होता है. और क्योंकि इस हेट स्पीच का इफेक्ट एक आदमी बने बल्कि पूरी कम्युनिटी पर होता है. जिससे उसका स्टेटस सोसाइटी में कम होता है उनके साथ भेदभाव होता है तो यह बहुत खतरनाक है क्योंकि हमारे संविधान में सबको समानता का अधिकार है. इसी वजह से हमने यह कैंपेन शुरू किया था और हम सभी तरह की हेट के खिलाफ काम करते हैं.”