राजा मिहिर भोज प्रतिमा अनावरण : क्षत्रिय समाज की बीजेपी सरकार को कड़ी चेतावनी
22 सितंबर को यूपी के दादरी में राजा मिहिर भोज की प्रतिमा अनावरण से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है और इसे लेकर घमासान मचा हुआ है.
जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का कार्यक्रम है. राजपूत समाज और संगठन के लोगों में इसको लेकर कड़ी आपत्ति है कि सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर राजा के रूप में दर्शाया जा रहा है. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नाम के पहले गुर्जर लिखे जाने पर नाराजगी जताई है. राजपूत संगठनों का कहना है कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसको लेकर दादरी में महापंचायत का एलान भी किया गया है. इस महापंचायत में सैकड़ों गांवों के राजपूत समाज के लोग भाग लेंगे. इसके साथ ही टि्वटर पर भी बायकॉट बीजेपी अभियान चलाया जा रहा है. राजपूत समाज के लोग इतिहास के साक्ष्यों को सामने रखकर भाजपा की जातिवादी राजनीति करने की आलोचना कर रहे हैं.
साथ ही महासभा की ओर से रविवार को सेक्टर-29 में प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की गई. क्षत्रिय महासभा अध्यक्ष ऋषिपाल परमार ने साफ कहा कि मिहिर भोज राजपूत राजा थे, कोई दूसरी जाति उन्हें अपना न बताए. प्रेस वार्ता में कहा गया कि यदि सम्राट मिहिर भोज के नाम से पहले गुर्जर लिखा गया तो राजपूत समाज नाराज हो जाएगा और आने वाले चुनावों में अपनी ताकत दिखाएगा.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने इसके लिए एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है. विज्ञप्ति में बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि क्षत्रिय समाज पहले ही हरियाणा, एमपी, उत्तराखंड में क्षत्रियों की पहचान के साथ छेड़छाड़ पर बीजेपी द्वारा किए जा रहे प्रयासों से क्रोधित है. और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा के द्वारा इस तरह के प्रायोजन आगामी चुनाव में क्षत्रिय समाज द्वारा सकारात्मक रूप से नहीं लिए जाएंगे. साथ ही विज्ञप्ति में यूपी सरकार पर क्षत्रिय समाज के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी यूपी सरकार पर लगाया है और चेताया है कि क्षत्रिय समाज इसका जवाब आगामी चुनाव में जरूर देगा.

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर से एशियाविल ने इस बारे में बातचीत की
फोन पर हुई संक्षिप्त बातचीत में अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने मुझे बताया, “हमारा मुख्य एतराज यही है कि उन्हें गुर्जर बताया जा रहा है जबकि वह क्षत्रिय समाज से थे. हमने सरकार को इस बारे में चेतावनी दी है. इस बारे में प्रधानमंत्री को खत लिखा है साथ ही योगी आदित्यनाथ को भी खत लिखा है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल ना हो. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी बात को मानेगी. और अगर सरकार नहीं मानती है तो फिर हम आ गए रणनीति बनाकर आंदोलन करेंगे.”
दूसरी ओर अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा ने भी राजा मिहिर भोज को अपने समुदाय का मानते हुए देशवासियों के लिए गौरव की बात कही है.