पंजाब में लगा रात का कर्फ्यू, 15 दिसंबर तक शहरों में 10 बजे रात के बाद निकलने पर पाबंदी
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्थिति और पंजाब (Coronavirus Punjab) में दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को ये फैसला लिया है. आदेशों की समीक्षा 15 दिसंबर को की जाएगी.
दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) की स्थिति और पड़ोसी राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले और संक्रमण की दूसरी लहर की चिंताओं के बीच पंजाब सरकार ने राज्य में 15 दिन के लिए रात का कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. पंजाब (Punjab) के सभी शहरों और कस्बों में एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक रात्रि कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया जाएगा. यह कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा.
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्थिति और पंजाब (Coronavirus Punjab) में दूसरी लहर के खतरे को देखते हुए, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को ये फैसला लिया है. आदेशों की समीक्षा 15 दिसंबर को की जाएगी.
आदेश में कहा गया है कि सभी होटल, रेस्तरां और मैरिज पैलेस के खुलने का समय भी 9.30 बजे तक होगा. कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा. मुख्यमंत्री ने लोगों को किसी भी परिस्थिति में इन नियमों का उल्लंघन नहीं करने के लिए सचेत किया.
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि कोविड के नियमों का पालन ना करने पर जुर्माना वर्तमान 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये किया जा रहा है.
संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करने को कहा
पंजाब में इलाज के लिए दिल्ली से मरीजों की आमद के मद्देनजर, राज्य के निजी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की समीक्षा करने करने का भी निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विन्नी महाजन को संबंधित विभागों के साथ मिलकर काम करने को कहा.
साथ ही ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की उपलब्धता को और मजबूत करने के लिए कैप्टन अमरिंदर ने उन जिलों की लगातार निगरानी करके एल II और L III को मजबूत करने का निर्देश दिया जो सुविधाओं से लैस नहीं हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समूह से प्राप्त रिपोर्ट की सिफारिशों के मद्देनजर जीएमसीएच और सिविल अस्पतालों में प्रबंधन प्रणालियों की भी जांच की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों को विशेषज्ञ, सुपर-स्पेशलिस्ट, नर्स और पैरामेडिक्स की आपातकालीन नियुक्तियां करने का भी निर्देश दिया. विभागों को भविष्य में आवश्यकता होने पर 4 वें और 5 वें वर्ष के एमबीबीएस छात्रों को बैक-अप के रूप में तैयार करने पर विचार करने के लिए भी कहा गया है.
कोरोना मरीजों की टेस्टिंग के मोर्चे पर मुख्यमंत्री ने हर रोज 25,500 आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता का पूरा उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया और सरकारी अधिकारियों सहित संभावित सुपर स्प्रेडरों के नियमित परीक्षणों का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में 24 x 7 परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है.