कौन हैं दीप सिद्धू जिनका नाम लाल किला हिंसा में आ रहा है
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान मंगलवार को दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा के लिए किसान संगठन अभिनेता दीप सिद्धू का नाम बता रहे हैं. आइए जानते हैं कि कौन हैं दीप सिद्धू.
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान संगठनों ने ट्रैक्टर परेड की. यह परेड पुलिस की इजाजत से आयोजित की गई. लेकिन मंगलवार को हुई इस परेड के दौरान कुछ लोगों ने लाल किला पर जाकर उपद्रव किया. वहां सिख धर्म का पवित्र झंडा 'निशान साहब' फहराया गया. लाल किला गए लोगों ने वहां तोड़फोड़ की है. किसान नेता लाल किले पर हुई घटना के पीछे दीप सिद्धू नाम के सख्श का नाम लिया है. उनका कहना है कि दीप सिद्धू ने किसानों को भड़काया.

लाल किले पर हुई हिंसा में दीप सिद्धू का नाम सामने आते ही सोशल मीडिया पर दीप सिद्धू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी सांसद सनी देओल, बीजेपी सांसद हेमा मालिनी और अभिनेता धर्मेंद्र के साथ तस्वीरें भी शेयर की जाने लगीं. आइये जानते हैं कि दीप सिद्धू हैं कौन और वे किसानों के आंदोलन से कैसे जुड़े.
दीप सिद्धू का जन्म 1985 में पंजाब के मुक्तसर में हुआ है. वह मॉडल और अभिनेता है. किंगफिशर मॉडल हंट समेत उन्होंने मॉडलिंग की कई प्रतियोगिताएं जीती हैं. फिल्म 'रमता जोगी' उनकी पहली फिल्म थी. इसे अभिनेता धर्मेंद्र के प्रोडक्शन हाउस विजेता फिल्म्स में बनाया था. इसके साथ ही वह लीगल एडवाइजर भी हैं.

इस पंजाबी अभिनेता ने 2019 में राजनीति में कदम रखा. उन्होंने लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर से बीजेपी उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया.
जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ और सिद्धू इस आंदोलन में नजर आए तो कई किसान नेताओं ने उन पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया. इन आरोपों को सिद्धू ने नकार दिया था. पिछले दिनों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किसान आंदोलन के नेताओं को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय बुलाया था. जिन लोगों को एनआईए ने नोटिस भेजा था, उसमें दीप सिद्धू का नाम भी शामिल था.

किसान आंदोलन के दौरान रास्तों को टोल फ्री करवाने और गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन के लिए तैयार करने में सिद्धू ने भी अहम भूमिका निभाई. कई बार उन्होंने कई ऐसे अलगाववादी बयान दिए थे, जिसे किसान संगठन बिल्कुल पसंद नहीं करते थे. वो कई बार किसान नेताओं के खिलाफ बयान देते भी नजर आए. कई बार किसान नेताओं ने उन्हें स्टेज पर भी नहीं चढ़ने दिया. वहीं बुधवार सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ किसान उनका विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं. इस विरोध के बाद वो ट्रैक्टर से उतरकर भागते नजर आते हैं.
दीप सिद्धू युवा किसानों में काफी लोकप्रिय हैं. किसानों से जुड़े रहने के लिए वह खुद जमीन पर तो सक्रिय रहते ही हैं. वो अक्सर फेसबुक लाइव के जरिए किसानों को संबोधित करते हैं.

किसान संगठनों और पुलिस के बीच ट्रैक्टर परेड के लिए जो रूट तय हुआ था, किसान नेता उन्हीं रूटों से परेड निकालने वाले थे. लेकिन कहा यह जा रहा है कि एक रात पहले ही दीप सिद्धू और गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाना कुछ किसानों से मिले. इन दोनों ने उन्हें भड़काया कि किसान संगठन सरकार से बातचीत कर रहे हैं, देखो कुछ नहीं निकला, दो महीने हो गए हैं. बातचीत से कुछ नहीं निकलने वाला, हम दिल्ली में घुसेंगे और लालकिले पर जाएंगे.
जब किसान बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में घुसे तो ये भी वहां मौजूद थे. लालकिले की प्राचीर से जब तिरंगे के बगल में 'निशान साहिब' का झंडा लगाया गया, तब सिद्धू उसी समूह में शामिल थे. पताका के साथ फेसबुक लाइव भी किया. उन्होंने फेसबुक लाइव में ये भी कहा कि हमने विरोध जताने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सांकेतिक तौर पर निशान साहिब का झंडा फहराया है.

किसान संगठनों ने दीप सिद्धू को हिंसा और झड़प के लिए जिम्मेदार ठहाराया है. उनका कहना है कि दीप ने किसानों के कुछ समूहों को भड़काया और किसान आंदोलन को धार्मिक आंदोलन बना दिया है.
Related Stories
राहुल गांधी का हमला, नफ़रत फैलाने वाली मोदी सरकार ताजमहल भी बेच डालेगी
वाराणसी में प्रधानमंत्री का भाषण, देव दीपावली पर भारी पड़ा किसानों का आंदोलन
किसान नेताओं और समर्थकों को एनआईए का नोटिस, किसानों ने सरकार की शर्मनाक हरकत बताया