एसएससी में नियुक्ति नहीं होने से प्रदर्शन कर रहे नाराज अभ्यर्थियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां
एसएससी यानि कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से 2018 जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी करने के बावजूद इसके अभ्यर्थियों की नियुक्तियां नहीं की गईं हैं.
जिसकी वजह से चयनित अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया. जल्द से जल्द नियुक्ति देने की मांग को लेकर अभ्यर्थी दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के लिए पहुंचे. इस बीच प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई और भीड़ कंट्रोल करने के लिए सुरक्षाबलों को लाठियां भी भांजनी पड़ी. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों को हल्की चोट भी आई और उन्हें अस्पताल में ले जाना पड़ा. युवा हल्ला बोल के पदाधिकारी को सैकड़ों उम्मीदवारों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि धरना प्रदर्शन उग्र होने पर कुछ प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को सुरक्षाकर्मियों द्वारा बस में बिठाकर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया. जहां पर अभ्यर्थियों ने विरोध दर्ज कराया. एसएससी जीडी 2018 के इन आवेदकों का कहना है कि अब उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उनकी आयु निकल चुकी है. इस वजह से वे दूसरी भर्ती का आवेदन जमा नहीं करा सकते.
SSC GD के अभ्यर्थी जॉइनिंग मांग रहे हैं. SSC GD के जरिए CAPF यानी CRPF, BSF, असम राइफल्स आदि में सिपाहियों की भर्ती होती है. 2018 में 60 हजार पदों पर भर्ती आई. करीब 85 हजार अभ्यर्थियों ने रिटेन, फिजिकल, मेडिकल टेस्ट पास किया. pic.twitter.com/amMEqfneDH
— Gaurav Shyama Pandey (@Gauraw2297) August 17, 2021
हल्लाबोल के पदाधिकारियों का कहना है कि एसएससी जीडी के ये उम्मीदवार मेडिकल पास हैं. यानी इन्होंने भर्ती के सभी चरण पार कर लिए हैं, इसके बावजूद इन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी गई. पिछले तीन साल से जीडी की भर्ती प्रक्रिया रूकी हुई है. साथ ही इससे पहले जब जुलाई महीने में विरोध दर्ज कराया था तो गृह मंत्रालय के अधिकारियों से इस संबंध में मिलाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है. कई बार ज्ञापन देने के बाद भी गृह मंत्रालय ने इन्हें मिलने का समय नहीं दिया.

बिहार के गया जिले से आए एक अभ्यर्थी सुधांशु राज गुप्ता ने एशियाविल को उस दिन के पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया.
सुधांशु ने मुझे बताया, ‘2018 में एसएससी के द्वारा, 60210 पदों पर भर्ती आई थी. अमूमन इस प्रकार की भर्तियां एक से डेढ़ साल में खत्म हो जाती है. लेकिन भारत सरकार ने इस बार समाप्त करने में साढ़े 3 साल लगा दिया. अब उससे क्या हुआ कि बहुत से लोगों की उमर खत्म हो गई, क्योंकि एक व्यक्ति को फौज में जाने के लिए मुश्किल से 5 साल का समय मिलता है. आपने 4 साल तो इसी भर्ती में लगा दी है. अब हम ओवर एज हो चुके हैं, अब हम दूसरी भर्ती में भी नहीं जा सकते. तो एक तो मुद्दा हमारा यह है कि अगर हमें ओवर ऐज हुए हैं तो उसका जिम्मेदार कौन है.

दूसरा मुद्दा यह है कि इन्होंने फाइनल मेरिट में 54 हजार लड़कों को लिया जबकि एप्लीकेशन में 60 हजार लड़कों को लेने की बात कही गई थी. और उसमें भी जो 54 हजार को जॉइनिंग दिया, उसमें से 40 परसेंट लड़कों ने ज्वाइन नहीं किया क्योंकि वह और दूसरी जगह कुछ रेलवे में जा चुके थे और हर स्टेट में 1-2 पुलिस की भर्ती हो चुकी थी. और यह मैं नहीं कह रहा कि प्रशिक्षण रिकॉर्ड से पता चला है.

अब हमारी मांग रही है कि आपकी वजह से हम ओवरएज हुए हैं, तो अब जितने भी मेडिकल फिट कैंडिडेट है उन्हें जॉइनिंग दी जाए. दूसरी बात है कि जब अफसर रेक की भर्ती में भी वेटिंग लिस्ट आती है तो सिपाही की भर्ती में क्यों नहीं दे रहे हैं. तो हमें भी वेटिंग लिस्ट शिकार कर जोइनिंग कराया जाए. यही तो मुद्दे हमारे सबसे अहम है.

सुधांशु बताते हैं, ‘हमने इससे पहले 27 जुलाई को भी प्रोटेस्ट किया था. तब स्थानीय एसएसओ अजय कुमार ने हमें आश्वासन दिलाया था कि अभी आप मान जाइए. मैं होम मिनिस्ट्री के किसी बड़े अधिकारी से बात कर लेता हूं. और 16 अगस्त को आपकी उनसे मुलाकात करा दी जाएगी आपका जो मैटर है वह बता दीजिए. तो 16 तारीख को कुछ लड़के गए तो उन्होंने क्या किया गृह मंत्रालय के किसी क्लर्क लेवल के आदमी से बात करा दी, तो उन्होंने हमारे साथ धोखा किया ना. फिर हमने बोला कि आपने हमारी बात नहीं मानी अब हम पोस्ट करेंगे. तो हम 17 तारीख को 500-600 जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट करने आए थे. देश भर से आए लगभग 500 अभ्यर्थियों को जिस तरह से पुलिस ने बर्बरता से महिलाओं को मारा, पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा महिला व्यक्तियों को जबरदस्ती बस में भरा गया. साथ ही हमें धमकी दी गई कि आप यहां दिल्ली में नजर ना आ जाए. वहां से लोगों को उठाकर मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया.
लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि जब तक हम सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हो जाते तब तक हम यही प्रदर्शन करते रहेंगे चाहे हमारी जान ही क्यों ना चली जाए.’इस मुद्दे पर अब राजनीति भी तेज हो चुकी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ट्वीट कर बोली- “छात्र-छात्राएं परीक्षा पास कर चुके हैं. पद खाली पड़े हैं. लेकिन रोजगार मांगने पर SSC-GD के अभ्यर्थी छात्र-छात्राओं को लाठियां मिल रही हैं.युवाओं को लाठियां मारने से नहीं, रोजगार देने से मजबूत भारत बनेगा.
छात्र-छात्राएं परीक्षा पास कर चुके हैं। पद खाली पड़े हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 19, 2021
लेकिन रोजगार मांगने पर SSC-GD के अभ्यर्थी छात्र-छात्राओं को लाठियां मिल रही हैं।
युवाओं को लाठियां मारने से नहीं, रोजगार देने से मजबूत भारत बनेगा। pic.twitter.com/RgnOUSTnHI
आपको बता दें कि ये युवा हल्ला बोल के बैनर तले प्रदर्शन में जुटे हुए थे. जिसमें यूपी, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी विरोध दर्ज कराने कराने के लिए आए थे. देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली आए ये उम्मीदवार केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन इन्हें मिलने का समय नहीं मिला.
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में जानकारी दी थी कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में करीब एक लाख 11 हजार पद रिक्त हैं.