'सूरजमुखी के घटिया बीज बेचने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है पुलिस'
यह मामला हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले का है. वहां के कृषि विभाग ने तेलंगाना की एक बीज कंपनी के खिलाफ किसानों को घटिया बीज बेचने पर एफआईआर दर्ज कराई है. विभाग ने जांच-पड़ताल के बाद यह मामला दर्ज कराया है.
खेती बाड़ी के लिए नकली रासायनिक दवाएं, खाद और बीज बनाना एक पुराना धंधा है. ऐसे मामले जब-तब सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक मामला हरियाणा में सामने आया है. इस मामले में बीज का कारोबार करने वाली कंपनी के खिलाफ कृषि विभाग ने मामला दर्ज कराया है. इस मामले में पुलिस ने कंपनी के मुख्यालय से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन किसान चाहते हैं कि हरियाणा में कंपनी का कामकाज देखने वाले लोगों का नाम भी मुकदमे में शामिल किया जाए. पुलिस ने अबतक उनका नाम इसमें शामिल नहीं किया है.

यह मामला कुरुक्षेत्र का है. वहां के शाहाबाद पुलिस थाने में अनुमंडल कृषि अधिकारी ने मेसर्स नुजीविडु सीड्स लिमिटेड पर किसानों को घटिया बीज की सप्लाई करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है. यह मामला बीते साल 23 जून को दर्ज किया गया था. नुजीविडु सीड्स का मुख्यालय तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में है.
क्या है पूरा मामला
अनुमंडल कृषि अधिकारी की शिकायत पर शाहाबाद पुलिस ने नुजीविडु सीड्स के एम प्रभाकर राव, के वेकंट राव, रघुवेंद्र सिंह, रमना रेड्डी, सतीश रेड्डी, अनिल ट्रेडिंग कंपनी, महेश फर्टीलाइजर, सोहन लाल अग्रवाल, संजीव कुमार, शिव ट्रेडिंग कंपनी, गुरुनानक ट्रेडिंग कंपनी, इकबाल ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ एसंशियल कमोडिटीज एक्ट 1955 की धारा 7, आईपीसी की धारा 420 और धारा 427 के तहत मामला दर्ज किया है.
वहीं शाहबाद निवासी राकेश कुमार बैंस, संदीप कुमार और पवन कुमार ने 29 जून 2020 को शाहबाद पुलिस थाने के एसएचओ को एक प्रार्थना पत्र दिया. इसमें उन्होंने मांग की कि अनुमंडल कृषि अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है, उसमें नुजीविडु सीड्स के रिजनल मैनेजर कृष्ण कुमार शेओकंद और सेल्स अफसर सुनील कुमार का नाम भी शामिल किया जाए.
राकेश कुमार बैंस ने 'एशियाविल हिंदी' को बताया कि मुकदमे में कंपनी के मुख्यालय के अधिकारियों का नाम तो है. लेकिन उन अधिकारियों का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है, जो हरियाणा में बीज बेचने में शामिल थे. वो कहते हैं कि इस मामले में पुलिस ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है. वह मामला दर्ज कर चुपचाप बैठी रही. उनका कहना था कि पुलिस बीज कंपनी के साथ खड़ी नजर आ रही है.
बैंस ने बताया कि थोड़ी पैरवी करने के बाद पुलिस ने इस मामले में केवल इतना किया है कि उसने कंपनी के अधिकारियों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों ने जमानत के लिए अदालत की शरण ली है. उनकी याचिका पर अदालत ने कहा है कि वो 8 दिन के अंदर-अंदर जांच में शामिल हों. यह समय सीमा 8 मार्च को खत्म हो रही है. वो बताते हैं कि लिखित में अपील करने के बाद भी शाहबाद पुलिस ने इस मामले में कंपनी का हरियाणा में कामकाज देख रहे अधिकारियों का नाम मुकदमे में शामिल नहीं किया है.

राकेश ने बताया कि उन्होंने, संदीप और पवन ने करीब 54 एकड़ जमीन पर नुजीविडु सीड्स कंपनी का सूरजमुखी की प्रजाति एनएफएसएच 36 (श्रेष्ठा) का बीज बोया था. लेकिन उसके पौधे ठीक से विकसित नहीं हुए और उनमें ठीक से फूल भी नहीं आए. इसकी शिकायत उन्होंने कृषि विभाग से की. कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने जांच में पाया कि बोया गया बीज ही खराब था. इस वजह से फसल खराब हुई है. कृषि विभाग ने अपनी शिकायत में बताया है कि इस कंपनी ने कुरुक्षेत्र जिले में 5190 किलो सूरजमुखी का बीज बेचा था.
अदालत की फटकार
उन्होंने बताया कि किसानों की शिकायत पर जिला कृषि अधिकारी (डीडीए) ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. वो बताते हैं कि मुकदमा दर्ज होने के बाद बीज कंपनी ने एफआईआर रद्द करने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली. लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद कंपनी में जमानत के लिए सेशन कोर्ट की शरण ली. इस पर अदालत ने उन्हें जांच में शामिल होने के लिए 8 दिन का समय दिया है.
मामले की जांच में हुई प्रगति की जानकारी लेने के लिए 'एशियाविल हिंदी' ने शाहाबाद के वर्तमान एसएचओ से संपर्क किया. उन्होंने बताया, ''इस मामले में हमने किसानों आदि से ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन कर ली है. इस मामले जिस कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उसने अदालत की शरण ली है. अदालत ने उसे जांच में शामिल होने को कहा है. हमें 8 मार्च तक इस मामले में अपना जवाब पेश करना है. उन्हें 7 मार्च तक जांच में शामिल होना है. लेकिन अभी तक वो शामिल नहीं हुए हैं.''
कर्मचारी ने छोड़ी कंपनी
शाहबाद पुलिस को दिए आवेदन में राकेश, संदीप और पवन ने जिन अधिकारियों का नाम एफआईआर में जोड़ने के लिए अपील की है, उसनें कंपनी के सेल्स ऑफिसर सुनील कुमार का नाम शामिल है. 'एशियाविल हिंदी' ने उनसे संपर्क किया. पहले तो उन्होंने बताया कि वो नुजीविडु कंपनी में हैं. लेकिन पूरी बात सुनने के बाद उन्होंने कहा कि वो एक मार्च को कंपनी छोड़ चुके हैं और 2 मार्च उनका कंपनी में अंतिम वर्किंग डे था. उनका कहना था कि उन्होंने निजी कारणों से कंपनी का कामकाज छोड़ा है. उन्होंने बताया कि वो करीब 12 साल तक कंपनी से जुड़े रहे. उन्होंने बताया कि कृष्ण कुमार ने 1 जनवरी को ही कंपनी छोड़ दी थी. उनका कहना था कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है.
हालांकि बातचीच में उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने करीब 5 हजार एकड़ के लिए बीज बेचा था. लेकिन शिकायत केवल 90 एकड़ के लिए ही आई है. उनका कहना था कि उन 90 एकड़ में से 60 एकड़ के किसानों ने लिखकर दे दिया है कि उनकी फसल बीज की वजह से नहीं बल्कि मौसम की वजह से खराब हुई है. हालांकि 'एशियाविल हिंदी' इस बात की पुष्टि नहीं कर सका कि किसानों ने ऐसा लिखकर दिया है या नहीं.
'एशियाविल हिंदी' ने इस संबंध में नुजीविडु कंपनी के लीगल टीम से जुड़े निशांत से भी बात करने की कोशिश की.लेकिन उन्होंने फोन रीसीव नहीं किया.
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