किसान आंदोलन का नया फार्मूला : बारी-बारी से देगा धरना हर गांव
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीने से अधिक समय से गाजीपुर में धरना दे रहे किसानों की क्या है नई रणनीति बता रहे हैं अमित भारद्वाज.
नरेंद्र मोदी सरकार की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी की सीमा गाजीपुर में तीन महीने से अधिक समय से धरना दे रहे हैं. अब किसानों ने आंदोलन की नई रणनीति अख्तियार की है. अब पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक-एक गांव के लोग रोज गाजीपुर पहुंचकर धरना देंगे. किसान नेताओं का कहना है कि एक गांव से करीब 100 ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर लोग गाजीपुर पहुंचेंगे.
किसान नेताओं का कहना है कि किसान महापंचायतों ने किसानों को एक और जागरूक करने का काम किया है. उनका कहना है कि मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगों की वजह से पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटों और मुसलमान के बीच जो खाई पैदा हुई थी, उसे किसान आंदोलन ने पाट दिया है. किसान आंदोलन ने किसानों को एक कौम के रूप में पेश किया है. उनका कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार किसान आंदोलन की ऐसे ही अनदेखी करती रही तो बीजेपी को 2022 में इसकी कीमत चुकानी होगी.