मिसाल : रीट परीक्षार्थियों के रहने- खाने के इंतजाम के लिए आगे आईं ‘मुस्लिम तंजीमें’
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान की ओर से राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 की परीक्षा 26 सितंबर को दो शिफ्ट्स में सफलतापूर्वक आयोजित की गई.
इसे राजस्थान के इतिहास की सबसे बड़ी शिक्षक पात्रता परीक्षा बताया जा रहा है. दोनों पारियों में छुटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हो गई. दो पारियों में हो रही लेवल वन की इस परीक्षा की पहली पारी सुबह दस बजे शुरु शुरू हुई जो दोपहर साढ़े बारह बजे तक चली जबकि दूसरी शाम पांच बजे तक चली. परीक्षा को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. वहीं अभ्यर्थियों को रोडवेज और निजी बसों के साथ ही राजधानी जयुपर में मेट्रो ट्रेन में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी गई.
लेकिन इस बीच यहां आने वाले परीक्षार्थियों की मदद के लिए सरकार के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक व गैर सरकारी संगठन भी मदद के लिए आगे आए. हर जिले में विभिन्न समाजों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों ने देश के अलग-अलग राज्यों से आए अभ्यर्थियों के लिए भोजन, पानी, ठहरने आदि की अनेक स्थानों पर निशुल्क व्यवस्था की थी. राजस्थान सरकार की द्वारा संचालित इन्दिरा रसोई में भी रीट परीक्षार्थियों को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई थी.

इसमें राजस्थान के विभिन्न मुस्लिम संगठनों, मस्जिद इंतजामिया कमेटियों ने भी बिना किसी भेदभाव के खुलकर योगदान दिया और छात्रों को मदरसों में रहने खाने की व्यवस्था के साथ दूसरे इंतजाम भी किए.
एसआईओ यूनिट कोटा ने इस बारे में एक टवीट भी किया. जिसमें लिखा, “कल दिनांक 26 सितम्बर 2021 को आयोजित हुई रीट परीक्षा के लिए कोटा पहुंचे परीक्षार्थियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था इस्लामिक सेंटर कोटा पर की गई. इसी दौरान सभी परीक्षार्थियों ने इस्लामिक सेंटर में स्थित मस्जिद और लाइब्रेरी का भी विजिट किया.”
एस.आई.ओ. यूनिट कोटा के द्वारा कल दिनांक 26 सितम्बर 2021 को आयोजित हुई रीट परीक्षा के लिए कोटा पहुंचे परीक्षार्थियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था इस्लामिक सेंटर कोटा पर की गई। इसी दौरान सभी परीक्षार्थियों ने इस्लामिक सेंटर में स्थित मस्जिद और लाइब्रेरी का भी विजिट किया। #REETEXAM pic.twitter.com/Ihhdcvidg2
— SIO RAJASTHAN (@sioraj) September 27, 2021
राजस्थान के टोंक जिले में ये इंतजाम देख रहे इंडियन सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के खुर्शीद अनवर ने हमसे इस बारे में विस्तार से बातचीत की. खुर्शीद ने कोऑर्डिनेटर के रूप में इस कार्य में अपना योगदान किया.
खुर्शीद अनवर ने मुझे बताया, “लगभग 16 लाख बच्चे परीक्षा (रीट) दे रहे हैं. इसी को देखते हुए कि बच्चों को समस्या ना हो प्रशासन ने और दूसरे लोगों ने आकर काम किया है. इसमें बच्चों के रहने खाने ठहरने की व्यवस्था की गई है. टोंक में 2-3 मुस्लिम संस्थाओं ने कुछ मदरसों के साथ टाई-अप करके बड़े मदरसों में ठहरने का इंतजाम किया है. उसमें किसी भी समुदाय का छात्र आकर रुक सकता है. और सब कुछ फ्री ऑफ कॉस्ट (निशुल्क
और अच्छी बात ये रही थी कि सबका आपस में कनेक्शन अच्छा रहा. इस वजह से बच्चों को दिक्कत नहीं हुई. बच्चे अगले दिन भी रुके थे. दूसरे प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी बहुत अच्छी थी.”

यह सारा इंतजाम कैसा रहा सवाल के जवाब में खुर्शीद अनवर कहते हैं, “लोगों की फीलिंग अविश्वसनीय थी, बहुत अनबीलिबेबल. और जिन लोगों ने ये इंतजाम किया था उनका सेटिस्फेक्शन देखने लायक था. यहां स्टेट लेवल पर एक “मुहिम” नाम से संस्था है जो मुस्लिमों के लिए हॉस्टल और एजुकेशन डेवलपमेंट कंपटीशन एग्जाम की तैयारी का काम करती है. उसने और अन्य मुस्लिम संस्थाओं ने इसमें सहयोग किया. और पहली बार इस तरीके का कार्य किया गया है. इसके अलावा टोंक युवा सोसाइटी ने यहां हेल्प डेस्क लगाई. और मदरसा छावनी कमेटी ने भी लड़कों के लिए अलग और लड़कियों के लिए अलग इंतजाम किया. इसके अलावा मीणा धर्मशाला गुर्जर धर्मशाला उम्र की व्यवस्था की.”
आपको ये इंतजाम करने की प्रेरणा कैसे मिली. इस सवाल के जवाब में खुर्शीद आलम कहते हैं, “दरअसल पिछली बार जब रीट एग्जाम हुआ था. तो बच्चे इधर उधर गए थे परेशान हुए थे. इसलिए हमने उस टाइम 1-2 जिले में कराया था और इस बार बड़े पैमाने पर करा दिया. और जो लोग सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम करते हैं यह उनके खिलाफ एक हथियार बन कर उभरा. और हर वर्ग के लोगों में भाईचारे की भावना देखी गई.”
शिक्षकों की तीस हजार से अधिक पदों के लिए आयोजित रीट के लिए 25 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिसमें दोनों पारियों में लगभग 16 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा के लिए प्रदेश में लगभग चार हजार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. और नकल रोकने के लिए अधिकांश परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. बावजूद एक दो जगहों पर मुन्नाभाई पकड़ने का मामला सामने आया है. सरकार ने परीक्षा के सफल आयोजन के लिए पूरी पुलिस व प्रशासनिक ताकत लगा रखी थी. राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी वक्तव्य देतो कहा है कि इस बारे में काफी उत्सुकता थी कि ये परीक्षा कैसे संपन्न होगी. लेकिन पुलिस, परिवहन, शिक्षा व अन्य विभागों ने जिस प्रकार से परीक्षा को सफल बनाने के लिए योगदान दिया वह सराहनीय है.
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