मोदी के पास पति को भेजने से घबराती हैं महिलाएं: मायावती
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा मायावती अलवर गैंगरेप मामले पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें. अगर उन्हें इस घटना से तक़लीफ है तो वह राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं ले लेतीं.
बसपा अध्यक्ष मायावती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रही नोकझोंक रुकने का नाम नहीं ले रही है. मायावती ने आज फिर मोदी पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि बीजेपी में विवाहित महिलाएं अपने पति को पीएम मोदी के नजदीक जाते देख घबराती हैं कि कहीं मोदी अपनी पत्नी की तरह हमें भी अपने पति से अलग न करवा दें.
मायावती ने कहा, ''मुझे तो मालूम हुआ है कि बीजेपी में ख़ासकर विवाहित महिलाएं अपने आदमियों को पीएम मोदी के नजदीक जाते देखकर ये सोचकर भी काफी ज़्यादा घबराती रहती हैं कि कहीं ये मोदी अपनी औरत की तरह हमें भी अपने पति से अलग ना करवा दे.''
Mayawati, BSP: Mujhe toh yeh bhi maloom chala hai ke BJP mein khash kar vivahit mahilayen apne aadmiyon ko Shri Modi ke nasdik jate dekh kar, yeh soch kar bhi kafi zyada ghabrati rehti hai ke kahin yeh Modi apne auraat ki tarah humein bhi apne pati se alag na karwa de. https://t.co/zBBmQhQepo
— ANI UP (@ANINewsUP) May 13, 2019
दरअसल, बीएसपी अध्यक्ष मायावती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अलवर गैंगरेप मामले को लेकर लगातार बयानबाजी चल रही है.
वहीं आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि “बसपा अध्यक्ष मायावती राजनीतिक अवसाद से पीड़ित हैं क्योंकि उन्हें आम चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की हार का डर है और इसलिए वह अपना संयम और धैर्य खो रही हैं.”
दिनेश शर्मा ने कहा कि “मायवती कमजोर दिख रही हैं और उनकी याददाश्त कम हो रही है. ये सभी लक्षण उनके बयानों में स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं. उन्हें टॉनिक की ज़रूरत है
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक रैली में कहा था कि मायावती अलवर गैंगरेप मामले पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें. अगर उन्हें इस घटना से तक़लीफ है तो वह राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं ले लेतीं.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा, ''नरेंद्र मोदी अलवर गैंगरेप मामले पर चुप थे. वह इस पर गंदी राजनीति कर रहे हैं जिससे चुनाव में उनकी पार्टी को फायदा मिल सके. यह काफी शर्मनाक है. वह दूसरों की बहनों और पत्नियों को सम्मान कैसे कर सकते हैं जब उन्होंने खुद ही अपनी पत्नी को राजनीतिक फायदे के लिए छोड़ दिया.''
मायावती ने कहा कि इस बारे में सही और सख़्त क़ानूनी कार्रवाई नहीं होने पर वो सही राजनीतिक फ़ैसला ज़रूर लेंगी. लेकिन पीएम मोदी गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई, रोहित वेमुला कांड, गुजरात और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में आए दिन हो रहे दलित अत्याचार की घटनाओं की नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे देते.
मायावती ने कहा कि सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में कांग्रेस पार्टी से कैसे निपटना है यह बसपा को मालूम है. समय आने पर सभी को इसका पता भी चला जाएगा.
दरअसल राजस्थान के अलवर में एक दलित महिला के साथ 26 अप्रैल को उसके पति के सामने सामूहिक बलात्कार हुआ था. लेकिन पुलिस ने इस मामले में एफआईआर 7 मई को दर्ज़ की. राजस्थान पुलिस पर आरोप है कि वह चुनाव बीत जाने का इंतजार कर रही थी.
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लापरवाही के आरोप में एसपी और इलाके के एसएचओ का तबादला कर दिया है.
राजस्थान में 29 अप्रैल और 6 मई को दो चरणों में लोकसभा चुनाव का मतदान हुआ था.
(हमें फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो करें)