“भाई को समझा देना, बहुत उल्टी-सीधी खबर छाप रहा है,” यूपी के बांदा में भूमाफिया की पत्रकार को धमकी
क्या देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पत्रकारिता दिन- प्रतिदिन मुश्किल और दयनीय होती जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां से आए दिन पत्रकारों को अपना काम करने के चलते बर्बर तरीके से मारने, डराने-धमकाने के मामले सामने आते रहते हैं.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एबीपी न्यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि बांदा जिले से एक अन्य पत्रकार को अवैध बालू खनन पर रिपोर्टिंग करने के कारण भूमाफियाओं के धमकी देने का आरोप लगा है. आरोप है कि भूमाफियाओं ने पत्रकार आशीष सागर के घर जाकर बुजुर्ग मां और भाई से पत्रकार को खबर लिखने पर “समझाने” को कहा है, जिससे पत्रकार का परिवार चिंतित है. फिलहाल मामले की जांच सीओ को दी गई है लेकिन मामले में अभी तक किसी भी आरोपी के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है. जिस कारण मामले में प्रशासन पर भी लीपापोती का आरोप लग रहा है.
पत्रकार आशीष सागर इस समय ‘वॉएस ऑफ बुंदेलखंड’ नाम से अपना एक चैनल चलाते हैं. इससे पहले उन्हें वीडियो वॉलेंटियर के लिए बतौर सामुदयिक संवाददाता काम किया है. इसके अलावा वे द प्रेस ट्रस्ट ऑफ बुंदेलखंड के संस्थापक भी हैं.

हाल ही में आशीष सागर बांदा जिले में केन नदी में अवैध खनन की लगातार स्टोरी कर रहे थे. आरोप है कि जिले के पैलानी क्षेत्र की अमलोर मौरम खदान से नियमों का घोर उल्लंघन कर बालू निकाला जा रहा है, जिसके चलते नदी एवं पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है. इस फर्म के संचालक गाजियाबाद निवासी हैं और इसके हिस्सेदार जयराम सिंह नाम के एक बसपा नेता हैं, जिनका अच्छा खासा क्रिमिनल रिकॉर्ड बताया जाता है. आरोप है कि जयराम ने ही आशीष के घर आकर उनकी माता और भाई को धमकी दी है. प्रशासन को भी इस बाबत अवगत कराया लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई.
इस सबके बावजूद पत्रकार आशीष सागर कहते हैं कि वे लगातार अवैध खनन के खिलाफ लड़ते रहेंगे. ये कई सालों से बुंदेलखंड में खनन माफियाओं के खिलाफ रिपोर्टिंग कर रहे हैं. पिछले करीब एक दशकों से उन्होंने बुंदेलखंड के कई महत्वपूर्ण मुद्दे जैसे बुंदेलखंड पैकेज, वृक्षारोपण में हुई अनियमितताएं, नदी जोड़ो परियोजना उठाए हैं.
हालांकि मामला सोशल मीडिया में आने और आशीष सागर को मिले लोगों के समर्थन के बाद बांदा पुलिस ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.
— Banda Police (@bandapolice) June 17, 2021
एशियाविल ने पत्रकार आशीष सागर से फोन पर इस घटना के बारे में विस्तार से बात कर जानकारी ली.
आशीष मुझसे कहते हैं, “यहां से माइनिंग माफिया के खिलाफ हमने 15 दिन लगातार रिपोर्टिंग की तो ये लोग पीछे पड़ गए हैं. मैं तो किसी स्टोरी के लिए घर से बाहर छतरपुर में था. शाम में 5:00 बजे ये वहां घर पहुंचे. मम्मी से कहा कि आपका लड़का कहां है, उन्होंने कहा कि यहां नहीं है, चार-पांच दिन के लिए घर से बाहर गए हैं. वही मेरा भाई छत पर खड़ा था उसने बोला कि आप मुझसे बात करें तो उनसे कहा कि वह अपने भाई को समझा देना. जब पूछा क्या हुआ, कहा कि उल्टी-सीधी खबर छप रहा है. यानि पहले हमें फोन करेंगे हमने फोन नहीं उठाया था ये घर जाएंगे. और यह पहले माफिया है जो 11 साल में मेरे दरवाजे पर आए हैं.”
आशीष आगे बताते हैं, “फिर मैंने गांव के प्रधान से प्रशासन को पत्र लिखवाया. तो फिर गांव के प्रधान पति को भी इसने धमकी दी. तो फिर उसमें समझौते की बात आई लेकिन जब मैं वापस आया तो हमारा तो स्टैंड साफ था कि जब लड़ाई है तो लड़ाई है. आगे जो होगा देखा जाएगा. ये खनन कंपनी गाजियाबाद के विपुल त्यागी की है, जिसमें बसपा नेता जयराम सिंह जो अभी जिला पंचायत सदस्य भी हैं, इसी फर्म में वह पाटनर है. ये यहीं बांदा के पास एकगांव के रहने वाले हैं और पुराने क्रिमिनल है जिन पर 10-12 केस भी दर्ज हैं. तो लोकल में मालिक यही बने हुए हैं, जो खदान चला रहे हैं साथ ही मीडिया, प्रशासन आदि को भी यही देखते हैं.”
आज 17 जून 2021को वाइस आफ बुंदेलखंड के पत्रकार व पर्यावरण पैरोकार को बसपा नेता व मौरम माफिया द्वारा जान से मारने की धमकी,माताजी से घर से घसीटकर ले जाने की बात पर महिलाओं ने ज्ञापन दिया। @yamunajiye @ravishndtv @myogioffice @myogiadityanath @OfficialDGISPR @DM_Banda1 pic.twitter.com/Amjwkr8Wz1
— Ashish Sagar Dixit (@AshishsagarD) June 17, 2021
अंत में आशीष कहते हैं, “बाकी कल मुख्यमंत्री से लेकर सारे अधिकारियों को भी पत्र लिखा है. एसपी ने उस पर अपना बयान भी जारी किया है. इसके अलावा काफी लोगों ने हमारे हम समर्थन में ट्विटर वगैरह पर पोस्ट शेयर किया है. अब कल शाम 2-3 पुलिस गाड़ी लेकर और महिला पुलिसकर्मियों को लेकर घर आए जांच करने के नाम पर, तो मैंने पूछा कि आप इतना फोर्स लेकर के क्यों आए हैं. जैसे सवाल जवाब किए तो चुप हो गए, कोई पूछने लगे सीसीटीवी कैमरा तो नहीं लगा तो मैंने बोला नहीं लगा. किसी मोहल्ले पड़ोस वालों ने उन्हें देखा, मैंने कहा उनसे पूछ लिया आप. बाकी अभी सीओ को जांच के आदेश दिए गए हैं वह जांच कर रहे हैं, और मैंने भी अपना बयान दर्ज करा दिया है. लेकिन अभी तक एफआईआर नहीं लिखी गई है. और मैं यह भी जानता हूं कि उन्हें क्या करना है और ये क्या करेंगे. बाकी आगे हम अपना काम करते रहेंगे. बाकी अब 30 जून में तो खदान बंद ही हो जाएंगे बारिश हो जाने शुरू हो जाएगी. फिर सितंबर में खुलेंगे तो फिर हम अपना काम करेंगे.”
इस मामले को लेकर सागर के अलावा अमलोर की ग्राम प्रधान प्रवीण सिंह प्रिया एवं सामाजिक कार्यकर्ता उषा निषाद ने भी मिलकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है. हमने उषा निषाद से भी इस बारे में बात की.
उषा निषाद ने फोन पर मुझे बताया, “हमें लड़ाई लड़ते रहते हैं,धरना प्रदर्शन देते करते रहते हैं और हमारे ही पत्र से 6 खदानों को यहां ब्लैक लिस्ट भी किया जा चुका है. एक की जगह 10 मशीनें लगाकर खत्म खदान किया जाता है और इतने गहरे गहरे गड्ढे किए जाते हैं कि कुएं जैसे बन जाते हैं. इसी कारण यहां का वाटर लेवल भी बहुत जा रहा है. और अब पानी पीने लायक भी नहीं बचता हैंडपंप में भी काफी गंदा पानी आता है. और यह सब प्रशासन कराता है, कोई पत्र दो तो कह देते हैं कि वह जांच करेंगे और जांच करने जाएं तो मशीनों को हटा देते हैं फिर वापस लिया कर देते हैं. और यह जयराम जमानत पर बाहर है. तो ऐसे क्रिमिनल पर प्रशासन कार्यवाई क्यों नहीं करता!”
इस बारे में हमने बांदा डीएम आनंद कुमार से बात करके इस केस में हुई कार्यवाई के बारे में जानना चाहा तो डीएम आनंद कुमार ने कहा कि अभी फिलहाल में मीटिंग में हूं, मीटिंग के बाद इस बारे में कुछ कह पाऊंगा. हमने कहा थोड़ा सा ब्रीफ बता दीजिए कि इस केस में अभी क्या हुआ है तो उन्होंने फिर यही जवाब दिया कि मैं मीटिंग में हूं.
ध्यान रहे कि पिछले दिनों एबीपी न्यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की हत्या का आरोप भी माफियाओं पर ही लगा था. और अपनी मौत से एक दिन पहले ही सुलभ श्रीवास्तव ने इलाहाबाद जोन के एडीजी को पत्र लिखकर शराब माफियाओं के द्वारा अपनी हत्या का अंदेशा जताया था. और अगले ही दिन उनकी लाश एक भट्टे के पास मिली थी. जिसे प्रशासन पहले दुर्घटना बताकर लीपापोती करता रहा था लेकिन बाद बाद में इस मामले के तूल पकड़ने पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.