आंदोलन के सात माह : किसानों ने मनाया 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ' दिवस
किसान आंदोलन के 26 जून को सात महीने पूरे होने के मौके पर किसानों ने देशभर में बड़ा आंदोलन बुलाया है. किसान शनिवार को देशभर में ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ’ दिवस मना रहे हैं. अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसान देश के सभी राज्यों के राजभवन पर धरना-प्रदर्शन करेंगे. सरकार से बातचीत बंद होने के बाद किसानों ने फैसला लिया कि वे राष्ट्रपति तक अपनी बात पहुंचाएंगे.
इसी के तहत आंदोलनकारी किसान कृषि कानूनों के खिलाफ तमाम राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपेंगे. किसान मोर्चा ने शांतिपूर्ण तरीके से धरना-प्रदर्शन करने की बात कही है.

इसके अलावा किसानों की संगठन ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी भी है. जिसके मद्देनजर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. दिल्ली मेट्रो ने भी शनिवार को येलो लाइन पर तीन मुख्य स्टेशनों को चार घंटे के लिए बंद करने का फैसला किया है. डीएमआरसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की सलाह के अनुसार, सुरक्षा कारणों से येलो लाइन के तीन मेट्रो स्टेशन, विश्वविद्यालय, सिविल लाइन और विधानसभा सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक लोगों के लिए बंद रहेंगे.
.#Delhi; #FarmersProtest: #Farmers waiting to meet Lieutenant Governor Anil Baijal to hand over a memorandum on #FarmLaws outside the LG Secretariat amid heavy police deployment (sole lady in frame is #OROP protest veteran Sudesh Goyat) pic.twitter.com/gnG6SwbSpo
— Jatin Anand (@JatinPaul) June 26, 2021
इस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पहुंचे किसानों को पुलिस ने रोक लिया. किसान एलजी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने की जिद कर रहे थे. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र डागर और उनके साथियों को एलजी हाउस के प्रवेश द्वार पर ही हिरासत में ले लिया.
SHAMEFUL ACT!! Farmers leaders including @BRajewal @Baljit_ITCell Rajinder Singh & Kuldeep Singh entering Chandigarh Governor house were attacked by water cannons & lathi charge. #FarmersProtest #SaveFarming_SaveDemocracy pic.twitter.com/Sc6mDZ9aI2
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) June 26, 2021
इस दौरान आंदोलन के बीच किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी को लेकर कई जगह अफवाह उड़ी. लेकिन इसे सिरे से नकारते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार जानबूझ कर इस तरह की अफवाह उड़ा रही है, क्योंकि मैंने कहा था कि किसान के बच्चे ट्विटर भी चलाएंगे, टैंक भी और ट्रैक्टर भी. टिकैत ने सभी से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करें. पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रियंका कश्यप ने भी टिकैत की गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट किया, "फर्जी खबर! राकेश टिकैत की गिरफ्तारी से संबंधित खबर झूठी है. कृपया ऐसी फर्जी खबरों/ट्वीट से दूर रहें. इस तरह की झूठी खबरें/ट्वीट फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

मेरी गिरफ्तारी की खबरे भ्रामक है। मैं गाजीपुर बॉर्डर पर हूँ। सब सामान्य हसि।#tikait #FarmersProtest pic.twitter.com/hg2gqTQzDn
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 26, 2021
इस प्रदर्शन का असर देश के अलग-अल राज्यों में देखऩे को भी मिल रहा है. चंडीगढ़ में पुलिस और किसानों के बीच टकराव भी देखने को मिला और पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार भी की. चंडीगढ़ पुलिस ने पूरी तरह बैरिकेडिंग कर रखी थी और पानी के टैंकर भी तैनात किए गए थे. 13 रास्ते को बंद करने का फैसला लिया गया है. जब किसानों ने बैरिकेड हटाए तो चंडीगढ़ पुलिस ने पानी की बौछार की. लेकिन किसान बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ में घुस गए. वहीं पंचकूला से भी किसान बैरिकेड तोड़कर चंडीगढ़ घुस गए हैं. तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे 32 किसान संगठनों ने शनिवार को चंडीगढ़ घेरने का एलान किया था.
#WATCH | Farmers push barricades aside in Haryana's Panchkula as they march towards Governor's residence in Chandigarh to submit a memorandum seeking repeal of new farm laws pic.twitter.com/6uNRo9cn28
— ANI (@ANI) June 26, 2021
भारतीय किसान यूनियन, टिकैत (बीकेयू) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शमसेर सिंह राणा ने एशियाविल से बातचीत में कहा, “आज का प्रदर्शन सरकार तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के उद्देश्य से किया गया था जो पूरी तरह सफल और शांतिपूर्ण रहा. हमारे कुछ नेताओं युद्धवीर सिंह आदि को आज दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है उस पर हम आगे की रणनीति बना रहें हैं, वैसे पुलिस उन्हें छोड़ देगी. और ये किसान यहां बेवजह नहीं बैठे हैं अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हम अगले चुनावों में इसे उखाड़ फेकेंगे.”
किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए कृषि मंत्री ने भी बयान जारी किया है कि, सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनको अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए. भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए भी तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है.
मैं सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूँ कि उनको अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए।
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) June 26, 2021
भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए भी तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है। pic.twitter.com/VUxrAh8MZl
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर दोहराया है कि वो आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़े हैं. किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने के मौके पर उन्होंने ट्वीट कर अन्नदाताओं के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सीधी-सीधी बात है- हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं.’’
सीधी-सीधी बात है-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 26, 2021
हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।#FarmersProtest
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि किसानों की इन मांगों को लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री कई मौकों पर ये साफ कर चुके हैं कि वो आंदोलनकारी किसानों से बातचीत के लिए तो तैयार हैं, लेकिन तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं. इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता बेनतीजा रही है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले केंद्रीय मंत्री और किसान संगठनों की अंतिम दौर की वार्ता 22 जनवरी, 2021 को हुई थी, लेकिन केंद्र की ओर से एक प्रस्ताव पेश करने के बाद यह टूट गया.