करतापुर कॉरिडोर को खोलने की तैयारियां जोरों पर, 10 दिन पहले श्रद्धालुओं को मिलेगा क्लीयरेंस
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) आगमन से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की क्लीयरेंस लिस्ट यानी जो श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकते हैं उनकी सूची भारतीय सीमा बल को भेजेगी.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग सिख समुदाय लंबे वक़्त से कर रहा था. लेकिन अब भारतीय श्रद्धालुओं का इंतजार ख़त्म हो गया है क्योंकि करतारपुर कॉरिडोर एक ऐतिहासिक समझौते पर भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया गया. अब भारतीय श्रद्धालु इस कॉरिडोर के जरिए करतारपुर साहिब आसानी से जा सकेंगे.
ऐसे में भारतीय श्रद्धालुओं के बढ़ते तादाद को देखते हुए पाकिस्तान ने जांच-पड़ताल के लिए 80 इमिग्रेशन काउंटर बनाए हैं.
भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर हुए समझौते के मुताबिक पाकिस्तान रोजाना 5 हज़ार भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन की अनुमति होगी.
(सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए दोनों देशों के अधिकारी)
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने भारतीय तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए तीन प्रवेश द्वार बनाए हैं. इसके अलावा जो श्रद्धालु वापस लौट रहे होंगे वो विशेष रास्ते से जाएंगे.
10 दिन पहले मिलेगी क्लीयरेंस लिस्ट
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) आगमन से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की क्लीयरेंस लिस्ट यानी जो श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकते हैं उनकी सूची भारतीय सीमा बल को भेजेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान रेंजर्स के संरक्षण में विशेष बसों में गुरुद्वारा दरबार साहिब ले जाने से पहले उनके पास उनके आगमन पर स्कैन किए गए पासपोर्ट होंगे.
बायोमेट्रिक स्क्रीनिंग से गुजरना होगा
पाकिस्तान और भारत दोनों देशों के तीर्थयात्री गुरुद्वारा दरबार साहिब में प्रवेश करने से पहले बायोमेट्रिक स्क्रीनिंग से गुजरेंगे. तीर्थयात्री उसी गेट से बाहर निकल पाएंगे जिस गेट से उन्होंने प्रवेश किया था. अगर किसी भी तीर्थयात्री का पासपोर्ट ब्लैक लिस्ट में है तो उसे अनुमति नहीं दी जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आंतरिक मंत्रालय ने दो असिस्टेंट डायरेक्टर, एक डिप्टी डायरेक्टर, 169 इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर के अलावा कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल की नियुक्ति की है.
(फाइल फोटो)
जीरो-प्वाइंट पर बना है इमिग्रेशन हॉल
पाकिस्तान रेंजर्स के अधिकारियों ने बताया कि जीरो-प्वाइंट पर हर एक तीर्थयात्री से 20 यूएस डॉलर सेवा शुल्क वसूला जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 इमिग्रेशन काउंटर के अलावा आवाजाही की प्रक्रिया को तेज़ करने और बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए दरबार साहिब से चार किलोमीटर दूर जीरो-प्वाइंट पर एक इमिग्रेशन हॉल बनाया गया है.
सभी तीर्थयात्रियों को उसी दिन शाम 5 बजे रवाना होना होगा. किसी भी तीर्थयात्री को दरबार साहिब में ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. एफआईए के इमिग्रेशन स्टाफ प्रवेश और निकास टिकटों के साथ तीर्थयात्रियों के पासपोर्ट को चिन्हित करेंगे.
9 नवंबर को होगा उद्घाटन
यह कॉरिडोर करतारपुर के दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक धर्मस्थल से जोड़ेगा. इसके जरिए भारतीय श्रद्धालु वीजा मुक्त आवाजाही कर पाएंगे. श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए बस एक परमिट लेना होगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले 9 नवंबर को करतापुर कॉरिडोर का औपचारिक उद्घाटन करेंगे.