भयानक होता जा रहा है करोना, 24 घंटे में सामने आए 68 हजार से अधिक मामले
अगर पिछले 24 घंटे में सामने आए कोरोना के 68 हजार 20 नए मामलों को मिला दें तो इस समय देश में कुल 5 लाख 21 हजार 808 सक्रिय मामले हैं.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 68 हजार 20 नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 291 लोगों की मौत भी दर्ज की गई है. इससे पहले रविवार को 62 हजार 714 नए मामले सामने आए थे और 312 मौतें दर्ज की गई थीं. केंद्र के मुताबिक देश के 8 राज्यों में ही कोरोना 84 फीसदी के करीब नए मामले हैं. महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ में ही कोरोना के 80 फीसदी से ज्यादा एक्टिव केस हैं.

इसके साथ देश में अब कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1 करोड़ 20 लाख 39 हजार 644 हो गई है. जबकि 291 लोगों की मौत के बाद कुल मौतों की संख्या 1 लाख 61 हजार 843 हो गई है. इस समय देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 5 लाख 21 हजार 808 सक्रिय मामले हैं. वहीं डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1 करोड़ 13 लाख 55 हजार 993 है.
देश में अब तक कुल 6 करोड़ 5 लाख 30 हजार 435 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है.
देश के करीब 15 राज्य ऐसे भी हैं, जहां बीते 24 घंटों में यहां एक भी मौत दर्ज नहीं की गई है. इनमें असम, उत्तराखंड, ओडिशा, पुडुचेरी, लद्दाख, दमन दीव, लक्षद्वीप, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर
इस समय देश के एक दर्जन से अधिक राज्य कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है. महामारी को नियंत्रण में लाने का अनुभव होने के बावजूद इन राज्यों में स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है. इसकी मुख्य वजह वायरस का पहले से ज्यादा आक्रामक होना है. आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना वायरस की आक्रामकता में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. केंद्र सरकार ने महामारी की दूसरी लहर के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है.
पिछले साल मार्च माह में संक्रमण के मामले बढ़े थे. हालांकि उस दौरान प्रतिदिन औसतन 187 संक्रमित मरीज मिल रहे थे. इसके बाद जुलाई में हर दिन 60 हजार से ज्यादा मरीज मिलने लगे थे. लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने मार्च के महीने में ही 60 हजार से अधिक का आंकड़ा छू लिया है. बीते 30 दिन में तीन लाख से ज्यादा सक्रिय मरीज हो चुके हैं.
इससे पहले कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी 200 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है. वायरस के फैलाव में आई इस तेजी को लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं. उनका कहना है कि इस बार महामारी पर नियंत्रण पाना और भी ज्यादा मुश्किल हो सकता है.
पिछले साल मार्च में औसतन 187 मामले रोज सामने आ रहे थे. अप्रैल में 1,801, मई में 8,336, जून में 18,641 और जुलाई में 52,783 मामले औसतन मिल रहे थे. अगस्त में हर दिन मिलने वाले मामले 78,512 और सितंबर में 86,821 तक पहुंच गए थे. लेकिन अक्तूबर से लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी. इसी साल 26 फरवरी को एक दिन में 16,488 मामले मिले थे. इस वजह से सक्रिय मरीजों की संख्या 1.59 लाख थी.
आने वाले दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण और भी भयानक रूप ले सकता है. दरअसल जिन राज्यों में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है, उनमें से तमिलनाडु और केरल में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं. इस वजह से वहां कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका है.
वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार को देश भर में लेबर सप्लाई करने वाले इलाके के रूप में देखा जाता है. यहां से बड़ी संख्या में मजदूर काम करने महाराष्ट्र और पंजाब जाते हैं. होली के अवसर पर बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव लौटें हैं. आजकल रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर उतनी सक्रियता भी नजर नहीं आ रही है, जितना पहले नजर आती थी. इस वजह से आशंका जताई जा रही है कि इन इलाकों में भी करोना का प्रकोप बढ़े.