यूपी में पत्रकार ने अवैध खनन की रिपोर्टिंग करने पर प्रशासन पर लगाया प्रताडित, व फोन टैपिंग का आरोप
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक स्थानीय पत्रकार ने प्रशासन पर उन्हें और उनके साथियों को उत्पीड़न और टॉर्चर करने का आरोप लगाया है.
आरोप है कि इलाके में पैलानी क्षेत्र की अमलोर मौरम खदान से नियमों का उल्लंघन कर बालू निकाला जा रहा है, जिसके चलते नदी और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. केन नदी में हो रही इस अवैध खनन की वे पिछले कुछ समय से रिपोर्टिंग कर रहे हैं. इस खदान के संचालक गाजियाबाद निवासी विपुल त्यागी बताए जा रहे हैं.
आशीष सागर बांदा जिले में ‘वॉयस ऑफ बुंदेलखंड’ नाम से अपना एक चैनल चलाते हैं. वे ‘द प्रेस ट्रस्ट ऑफ बुंदेलखंड’ के संस्थापक हैं. पिछले दिनों आशीष अपने ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा था कि 16 नवंबर की रात पुलिसवाले उनके घर रात में सवा 10 बजे पहुंच गए और गेट खुलवाने का दबाव बनाने लगे.

आशीष की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक, “देर रात आधी सादी वर्दी में और आधे वर्दी में पुलिस बल आया. जैसे अपराधी के घर रेट डाली जा रही है. 14 नवंबर शाम 4 बजे कालूं कुआं पुलिस चौकी दिवान और एक सिपाही आया था परिवार की जानकारी मांग रहा था. मैं 15 को कोतवाली व कालूं कुआं चौकी गया अपना बायोडाटा डिटेल दिया. अब बीती 16 नवंबर ये हुआ है. बिना नोटिस व सम्मन के देररात भारी पुलिस लेकर घर आना. दरवाजे खुलवाने की धमकी देना और बूढ़े ब्लडप्रैशर के मरीज मातापिता को मानसिक प्रताड़ित करना. माताजी बार- बार गुहार कर रही थी कारण बतलाइये क्यों आये है पर नहीं बतलाया गया. वहीं बहुत देरतक बहस के बाद जब मैंने कहा ताला तोड़कर आइये नही खोलेंगे तब ये लोग गए है. मेरे साथ चुनावी मौसम में सत्तारूढ़ सफेदपोश लोग और लाल मौरम के धंधे में शामिल अलग दलों के माननीय व ब्यूरोक्रेसी मिलकर संघठित साज़िश कर रही है. नगर कोतवाल संकट मोचन मन्दिर के सामने जब गांजा बिकता है तब छापा नहीं डालेंगे लेकिन अंधेरी रात में सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण पत्रकार के घर कानून को धता बतलाकर दबिश अवश्य देंगे.”
आशीष आमतौर पर अपने चैनल पर इलाके में हो रही अवैध खनन से संबंधित खबरें करते रहते हैं. कुछ दिन पहले भी उन्होंने एक वीडियो डाला था, जिसमें साफतौर पर देखा जा सकता है कि प्रशासन के लाख दावों के बावजूद वहां अवैध खनन चल रहा है.उन्होंने 'बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल में मौरम-बालू माफिया नदियों पर लूट मचाये है' नाम से की रिपोर्ट में लिखा था कि जनसभाओं से सिंचाई जल परियोजना का लोकार्पण करने वाले मुख्यमंत्री योगी और पीएम मोदी इन पर्यावरण भक्षकों पर लगाम कैसे लगाएंगे तब जबकि प्रशासन की रहनुमाई में यह केन नदी पर बलात अवैध खनन कर रहे है.
इस घटनाक्रम को लेकर आशीष ने एशियाविल से भी बातचीत की.
आशीष ने मुझे बताया, "वही घटनाक्रम चल रहा है मेरे और जो हमारे साथी है. 10 तारीख को ऊषा निषाद ने विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था. इसके अलावा 19 तारीख को महोबा में पीएम रैली में आवाज उठाई थी. तो मेरा और उषा का नंबर सर्विलांस पर लगा है दोनों के फोन टैप किए जा रहे हैं कि हम किससे और क्या बात करते हैं. पहले 16 तारीख को 12-13 पुलिस वाले रात में 10:15 बजे मेरे यहा आए थे और दरवाजा खुलवा रहे थे. नगर कोतवाल आरके सिंह भी थे. मैंने कहा कि मैं तो दरवाजा नहीं खोलूंगा. अगर आपको बात करनी है तो दिन में आइए. माताजी आई कि क्या बात है, बोले दरवाजा- खोलिए तो हमने बोला नहीं खोलना आप तोड़ दो. तभी वहां से वापस गए. और आज एसडीएम पैलानी ने ऊषा सहित चार लोगों को जिले में शांति भंग करने के आरोप में समन भेजा है साथ ही एक लाख का जुर्माना भी है. अब यही कहना है कि उसने कौन सा अपराध कर दिया जो उसे एक लाख का समन में भेजा गया. अपनी बात कहने के लिए अगर कोई आदमी किसी रैली में जा रहा है तो क्या आप शांति भंग में समन भेजोगे! इससे पहले 14 तारीख को इन्होंने मुझसे सारी डिटेल मांगी थी. जो हमने 15 को दे दी थी. और 16 को ये आ धमके. इसके बाद जब मीडिया में चीजें चलीं तो कोतवाल बोले कि वे तो गए ही नहीं थे. जबकि आधे घंटे तक दरवाजे पर खड़े थे. अब जब लगा कि यहां तो बात बढ़ जाएगी तो मुझे छोड़कर उषा ओर दूसरे लोगों को समन भेज दिया.”
आशीष आगे बताते हैं, “असल में एसपी अभिनंदन ने क्या किया है सारे थानों में ठाकुर को बैठा दिए हैं. मुखिया भी ठाकुर ही है राज्य में. सब वही छत्रप चल रहा है. और जो भी इनके खिलाफ आवाज उठाता है. उसे दबाया जाता है. साथ ही ये आरोपियों के साथ चाय नाश्ता करते हैं. अभी यातायात माह मनाया था नवंबर में, तो एसपी के ठीक बगल में वह जयराम सिंह बैठा हुआ है. तो ये तमाशा चल रहा है. यानि पूरी तरह से प्रताडित करो.
दरअसल पैलानी क्षेत्र के सांड़ी गांव की ऊषा निषाद ने कुछ ग्रामीण सहयोगियों के साथ इसी माह लखनऊ में विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी. इसके बाद 19 नवंबर को महोबा में प्रधानमंत्री की जनसभा के दौरान ऊषा निषाद आदि ने पैलानी क्षेत्र में अवैध खनन और बालू माफियाओं के विरोध में नारे लगाए थे. इन दो घटनाओं के बाद अब पैलानी तहसील की एसडीएम सुरभि शर्मा ने ऊषा निषाद, पुष्पा (अमनडेरा, सांड़ी) और अमित (सिसोलर, हमीरपुर) व सरोज (झील का पुरवा, बांदा) को धारा 111 सीआरपीसी का नोटिस जारी कर पुलिस रिपोर्ट का हवाला देकर कहा है कि दो पक्षों के मुकदमेबाजी को लेकर इनसे शांतिभंग होने की संभावना हो गई है. अत: कारण बताते हुए एक वर्ष तक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक लाख रुपये का बंध पत्र और इतनी ही धनराशि की दो जमानतें क्यों न दाखिल कराई जाएं?
इस बारे में जब एशियाविल ने बांदा के सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया, “कोई फोन सर्विलांस पर नहीं है उन्हें सिर्फ आशंका है इसका क्या किया जा सकता है. आज की डेट में किसी पत्रकार या नेता का बांदा जिले में फोन सर्विलांस पर नहीं है तो उनका कैसे हो जाएगा. दूसरी बात उसके खिलाफ तमाम आपराधिक मामले दर्ज है. पब्लिक ने उनके खिलाफ मुकदमे हैं लिखवाए हैं और चार्जशीट भी मिली है.”
उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारी अवैध खनन पर रिपोर्टिंग से रोकते हैं और कहते हैं कि अगर यह खत्म कर दो तो आपके खिलाफ सब कुछ खत्म हो जाएगा. इस पर राकेश कुमार कहते हैं, “किसी अधिकारी ने उनसे नहीं कहा उनका विभाग ही अलग है. यहां कुछ पत्रकार ऐसे हैं जो खनन के खदान में ही घूमते रहते हैं इनमें से यह भी एक हैं. यह क्या करते हैं मैं नहीं बता सकता. पुलिस का खनन से कोई मतलब नहीं है उसका विभाग ही अलग है. डीएम साहब उसकी लीज करते हैं जो शासन से होती है. नियमों का पालन कराने का काम जिलाधिकारी का है. पुलिस को तो खदान में जाने के लिए मना किया गया है.”
लेकिन सिक्योरिटी की जिम्मेदारी तो होगी ना. इस सवाल पर राकेश कहते हैं, “अवैध खनन तो कहीं हो नहीं रहा. ओवरलोडिंग की समस्या रहती है उसके खिलाफ हमने लगातार कार्रवाई की है. ढाई तीन सौ गाड़ियों को सीज किया था. समय-समय पर टाइम मिलता है एसडीएम के साथ छापा पड़ता रहता है. बाकि आज की तारीख में किसी का फोन सर्विलांस पर नहीं है.”
इस मसले पर हमने पैलानी की एसडीएम सुरभि शर्मा से भी बातचीत की.
एसडीएम सुरभि ने मुझे बताया, “इनके विपक्षी है देवनारायण उनके खिलाफ मुकदमे बाजी चल रही उसी के लिए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह समन भेजा गया है. ये एक दूसरे के खिलाफ मुकदमे लिखवा रहे हैं और एक दूसरे को मारने पीटने के लिए घूम रहे हैं. ऐसी थाने से रिपोर्ट आई थी. उन्हें भी समन भेजा गया है.”
लेकिन अवैध खनन खिलाफ आवाज उठाने पर ऐसी चीजें की जा रही है ऐसा आरोप है इस सवाल पर सुरभि कहती है, नहीं है उससे संबंधित नहीं है. नोटिस में लिखा हुआ है. अवैध खनन के बारे में पूछने पर एसडीएम सुरभि कहती हैं, “उनके खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है, और हम आगे भी कार्रवाई करेंगे. आपको पूरी जानकारी नहीं है, यहां पिछले दस दिन में बहुत कार्रवाई की गई है.”
यानि वहां अब अवैध खनन नहीं चल रहा है, इस सवाल पर एसडीएम सुरभि कहती हैं, “नहीं! मैं ये तो नहीं कह रही हूं. अभी उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. और आगे भी की जाएगी.”
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