गंगा जमुनी तहजीव के हिमायती कल्बे सादिक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने लखनऊ के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष और शिया धर्मगुरु डॉक्टर कल्बे सादिक़ का मंगलवार देर रात में निधन हो गया. वो 81 साल के थे. उन्होंने लखनऊ के हरदोई रोड स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में रात करीब दस बजे अंतिम सांस ली. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे.
Maulana Kalbe Sadiq, vice-chairman of All India Muslim Personal Law Board, passes away at a hospital in Lucknow. (file photo) pic.twitter.com/82Qudi8wV4
— ANI UP (@ANINewsUP) November 24, 2020
डॉक्टर कल्बे सादिक को सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया की वजह से इरा मेडिकल में 17 नवंबर को भर्ती कराया गया था.
उनके बेटे सिब्तैन नूरी ने मौलाना कल्बे सादिक के इंतिकाल की सूचना दी. कल्बे सादिक अपनी उदारवादी छवि के लिए जाने जाते थे. डॉक्टर कल्बे सादिक एशिया के बड़े इस्लामिक स्कॉलर थे. उनके निधन की खबर सुनते ही लखनऊ शहर के साथ कई देशों में शोक की लहर दौड़ गई.

इंसानियत, इल्म, इत्तेहाद और मोहब्बत के इस फरिश्ते को हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख, ईसाई समाज से लेकर मुसलमानों का हर वर्ग के लोग डॉक्टर कल्बे सादिक का सम्मान करते थे. डॉक्टर सादिक ने हमेशा अशिक्षित समाज में शिक्षा की अलख जगाने पर बल दिया.
सर सैय्यद अहमद खान की तरह डा. सादिक ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए इल्म की रौशनी फैलाने पर काम करते रहे और इस मिशन को ना सिर्फ तकरीरों और तहरीरों के जरिए बल्कि अमली तौर पर आगे बढ़ाया.