कोच रवि शास्त्री ने आलोचकों का मुंह किया बंद, इस गेंदबाज़ को बताया तुरुप का इक्का
वहीं रवि शास्त्री ने युवा खिलाड़ियों की भी जमकर तारीफ की और उन्होंने कहा कि इस स्तर की विपक्षी टीम के खिलाफ खेलना युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा अनुभव साबित हुआ.
रोहित शर्मा के बेहतरीन शतक और कप्तान विराट कोहली की शानदार पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में मिली जीत के बाद कोच रवि शास्त्री ने टीम इंडिया की जमकर तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब कोई नहीं कह सकता कि हम कमजोर ऑस्ट्रेलियाई टीम से खेलकर जीते हैं.
कोच रवि शास्त्री ने तीसरे वनडे में भारत की सात विकेट से जीत के बाद कहा, “इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. कोई नहीं कह सकता कि हम कमजोर ऑस्ट्रेलियाई टीम से जीते. मुंबई में हारने के बाद हमने लगातार दो मैच जीते और वो भी इतनी ट्रैवलिंग के बीच, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने तीनों मैचों में टॉस जीता.”

दरअसल कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली टेस्ट सीरीज जीती थी. लेकिन उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई टीम में डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ नहीं थे. जिसके बाद भारतीय टीम की आलोचना हुई थी की उसने कमजोर ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार जिस ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत ने हराया, उसमें स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर दोनों थे.
वहीं रवि शास्त्री ने भारतीय गेंदबाजी यूनिट की भी जमकर तारीफ की. उन्होंने टीम इंडिया की डेथ ओवर में बॉलिंग की तारीफ करते हुए कहा, “अगर विरोधी टीमें हमारे खिलाफ आखिरी 10 ओवरों में हमारी टीम पर आक्रामक होने की सोच रही हैं तो ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. टीम इंडिया के पास गजब की विविधता है. खेल भले ही 130 साल पुराना हो लेकिन यॉर्कर गेंद अब भी वनडे क्रिकेट में बेस्ट गेंद है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज कौन है लेकिन अगर हम यॉर्कर सही से फेंकेंगे तो बल्लेबाज जरूर आउट होगा.”

युवा तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने भी रवि शास्त्री को अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि नवदीप सैनी काफी तेज़ हैं और अगर वह नियंत्रण के साथ गेंदबाजी करते रहते हैं तो उनका सामना करना बहुत मुश्किल काम है.

वहीं रवि शास्त्री ने युवा खिलाड़ियों की भी जमकर तारीफ की और उन्होंने कहा कि इस स्तर की विपक्षी टीम के खिलाफ खेलना युवा खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा अनुभव साबित हुआ. अगली बार जब वह किसी भी टीम के खिलाफ खेलेंगे तो उनकी मानसिकता अलग होगी.
मुख्य कोच रवि शास्त्री ने ये भी कहा कि टीम ने पहला मैच हारने के बाद शानदार वापसी कर खुद को साबित किया. उन्होंने कहा, “लड़कों ने जानदार व्यक्तित्व दिखाया. ये मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि हम मुंबई में हारे थे और इसके बावजूद टीम को भरोसा था कि वो दो मैच लगातार जीत सीरीज पर कब्जा कर सकते हैं.”
टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इसके बाद राजकोट वनडे में 36 रनों से जीत हासिल कर जबरदस्त वापसी की और फिर आखिरी निर्णायक मुकाबले में 7 विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया.