यूपी: शहरों से मुगलों का नाम मिटाने के बाद क्या गांवों-कस्बों के नाम भी बदलेंगे योगी
भारत में अकबरपुर सबसे आम नाम है.
उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक आगरा शहर में निर्माणाधीन मुगल संग्रहालय का नाम मराठा नायक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाएगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसकी घोषणा की. शहर में विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में उन्होंने कहा, "हमारे नायक मुगल कैसे हो सकते हैं..." सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक, CM ने घोषणा की, 'कुछ भी, जिससे दासता की मानसिकता की बू आती है', को उनकी सरकार द्वारा दूर किया जाएगा.
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की देश में 6 लाख शहरों, कस्बों और गाँवों में से 704 के नाम पहले छह मुग़ल बादशाहों का नाम है - बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहांगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब.
देश में अकबर की विरासत सबसे ज्यादा देखी जा सकती है. अकबर के नाम पर आज 251 गांव और कस्बे हैं. उनके बाद औरंगजेब (177), जहाँगीर (141), शाहजहाँ (63), बाबर (61) और हुमायूँ (11) हैं.
इन स्थानों में से अधिकांश उत्तरी और मध्य भारत में हैं. आधुनिक भारतीय राज्यों में, उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है - यहां 1 लाख से अधिक गांवों और शहरों के 396 में मुगलों के नाम हैं. यूपी के बाद बिहार में 97, महाराष्ट्र में 50 और हरियाणा में 39 ऐसे गांव या शहर है. इनमें से लगभग आधे स्थानों पर अकबरपुर, औरंगाबाद, हुमायूँपुर और बाबरपुर जैसे स्टैंडअलोन नाम हैं.
सबसे आम नाम अकबरपुर है - 70 देश जगह इस नाम से है. इसके बाद 63 स्थानों का नाम औरंगाबाद है. एक स्पष्ट उदाहरण महाराष्ट्र और बिहार दोनों में इस नाम का शहर और जिला है; औरंगाबाद इन दोनों राज्यों में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र भी हैं.
2017 में सत्ता में आने के बाद से, आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में कई जगहों का नाम बदल दिया है: महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन मुगलसराय का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर, प्रयागराज के रूप में इलाहाबाद, और फैजाबाद को अयोध्या के रूप में रखा गया.