त्रिपुरा : हिंदुत्ववादी संगठनों पर अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ हिंसा, मस्जिदों, घरों में तोड़फोड़ का आरोप
बांग्लादेश में बीते दिनों दुर्गा पूजा के पंडालों में हुई तोड़फोड़ के विरोध में हिंदूवादी संगठनों द्वारा त्रिपुरा में निकाली गई रैली में जमकर हिंसा करने का मामला सामने आया है
एक स्थानीय विधायक ने एशियाविल से बातचीत में कहा कि अभी स्थिति पूरी तरह ठीक नहीं है. और प्रशासन भी दंगाईयों के खिलाफ कोई खास कार्रवाई नहां कर रहा है.
खबरों के मुताबिक, हिंसा में हिंदूवादी संगठनों द्वारा मस्जिदों को निशाना बनाया गया. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव के विधानसभा चंद्रपुर में भी एक मस्जिद को निशाना बनाए जाने की खबरें हैं. इसके अलावा मुसलमानों की दुकानों में भी तोड़फोड़ करने और आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं. हिंसा में कई लोगों के घायल होने की ख़बर भी है. मुसलमानों के विरुद्ध त्रिपुरा में हो रही इस हिंसा के विरोध में स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया, जमीयत उलमा हिंद और दूसरे मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को ज्ञापन भी सौंपा है और मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील भी की हैं. इस पूरे मामले में त्रिपुरा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना ने अगरतला के पास एक मस्जिद में तोड़फोड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि वे लगभग 150 मस्जिदों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे घटनाओं की जांच कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज को भी जांचा जा रहा है.
Students Islamic Organisation of India (SIO) has demanded an immediate halt to anti-Muslim violence in Tripura.https://t.co/0IjrHr9gOU pic.twitter.com/yAIc7bhTTc
— SIO of India (@sioindia) October 25, 2021
बता दें कि दशहरा के दौरान दुर्गा पूजा में पड़ोसी राज्य बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी जिसमें दुर्गा पूजा के पंडालों में भी तोड़फोड़ हुई थी. हालांकि इस मामले में सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे और अब तक घटना में शामिल मुख्य आरोपी सहित करीब 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. लेकिन इस घटना के विरोध में अब पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में हिंदूवादी संगठन द्वारा रैली निकालकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा हैं. इसमें पिछले कुछ दिनों में मस्जिदों और अल्पसंख्यक बस्तियों पर हमले का आरोप है. त्रिपुरा में 21 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदूवादी संगठन ने रैली कर प्रदर्शन किया था. जो त्रिपुरा की राजधानी राजधानी अगरतला से 50 किलोमीटर दूर गोमती ज़िले से शुरू हुआ जहां पर विशाल मार्च निकाला गया. इसके साथ ही पश्चिमी अगरतला, धर्मनगर और उत्तरी त्रिपुरा के जिलों में भी प्रदर्शन हुए. इन हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में भीड़ शामिल हुई जो हिंसक हो उठी और मस्जिदों, मदरसों में जमकर तोड़फोड़ की. अगरतला के अलावा कई अन्य जगहों पर मस्जिदों में और मुस्लिम बस्तियों, मुस्लिमों की दुकानों में में भी तोड़फोड़, आगजनी की तस्वीरें आईं. हालांकि इस दौरान धारा 144 लगी हुई थी लेकिन इन प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए विश्व हिंदू परिषद और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प में तीन पुलिसकर्मियों सहित 15 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
Several Mosques, houses and shops belonging to Muslims were vandalised in Tripura on Thursday under the pretext of protests against attacks on minorities in Bangladesh.
— The Cognate (@TheCognate_) October 23, 2021
The mob carried swords and raised anti-Muslim slogans and threatened to kill Muslims. #Tripura pic.twitter.com/l99aBGKrNu
इस बारे में एशियाविल ने त्रिपुरा की बॉक्सानगर सीट से सीपीएम के विधायक शाहिद चौधरी से बात कर वर्तमान स्थिति के बारे में जाना.
शाहिद चौधरी ने मुझे बताया, “अभी भी स्थिति थोड़ी खराब ही है. ये मुस्लिम विरोधी हिंसा है जो सभी जगह हो रही है. लोगों के घरों में तोड़फोड़ हुई है. और पुलिस ने किसी दंगाई को गिरफ्तार नहीं किया है. सरकार भी उन्हें सपोर्ट कर रही है. हम लोग इस मसले पर मीटिंग कर रहे हैं और इसे देख रहे हैं.”
एसआईओ यानि स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया ने भी त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. एसआईओ की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा फैल गई, जिसके कारण कई मंदिरों सहित हिंदू पूजा स्थलों पर भी हमले हुए. विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित कई संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए बांग्लादेश की सीमा से लगे त्रिपुरा राज्य में प्रदर्शन प्रारंभ कर दिए. लेकिन इन प्रदर्शनों ने राज्य के मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसक रूप धारण कर लिया. उनाकोटी, पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजला और गोमती त्रिपुरा जिलों में मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई है. मस्जिदों में तोड़फोड़, घरों पर पथराव और मुस्लिम फेरीवालों को इलाका छोड़ने के लिए मजबूर करने की घटनाएं हुई हैं. इस सब में मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन पूरी तरह से मूकदर्शक बना हुआ है. ऐसे में एसआईओ और एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने शुक्रवार को उनाकोटी के ज़िला कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा और साथ ही पूरे राज्य के मुसलमानों की सुरक्षा और शांति की मांग की. एसपी ने उम्मीद जताई कि उनके द्वारा जल्द ही कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे और ज़िला कलेक्टर ने कहा कि कैलाशहर और कुमारघाट में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए बैठक की जाएगी.
एसआईओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान अहमद ने कहा, "त्रिपुरा में स्थिति तेज़ी से बिगड़ रही है. बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा का विरोध त्रिपुरा में मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसक हो रहा है. राज्य सरकार द्वारा इसे पूरी तरह से नज़रंदाज़ किया जा रहा है. हम मांग करते हैं कि हिंसा बंद हो. इसे रोकने के लिए राज्य स्तर पर तत्काल कदम उठाए जाएं और दोषियों के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाए."
बता दें कि त्रिपुरा देश का इकलौता ऐसा राज्य की सीमा तीन तरफ से बांग्लादेश से मिलती है.
