‘शाहीन एकेडमी लखनऊ’ की सराहनीय पहल: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को देंगे फ्री एजुकेशन
कोरोना महमारी के बढ़ते प्रकोप के साथ कई परिवार उजड़ गए. जिसने बड़े ही नहीं बच्चों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. ऐसे में कई बार बेसहारा और अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते पढ़ाई भी छोड़नी पड़ जाती है. लेकिन अब ऐसे कोरोना काल के बीच अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक तंगी के चलते शायद अपनी पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़े. क्योंकि लखनऊ स्थित ‘शाहीन एकेडमी’ ने एक ऐसी सराहनीय पहल शुरू की है, जिसके चलते कोरोना की मार झेल रहे अनाथ बच्चों को न सिर्फ मुफ्त शिक्षा दी जाएगी, बल्कि उनके रहने और खाने का प्रबंध भी निःशुल्क किया जाएगा. लखनऊ के ऐशबाग स्थित ईदगाह में बनी इस एकेडमी के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली हैं.
एशियाविल ने शाहीन एकेडमी के को-ऑर्डिनेटर मोबीन खान से इस बारे में बात की. और इनके इस प्लान के बारे में विस्तार से चर्चा की.
मोबीन खान ने मुझे बताया, “हमारी एकेडमी में कक्षा 9 से 12 तक के गरीब और अनाथ हुए बच्चों के लिए इस पहल की शुरुआत की गई है. बच्चों को शिक्षा के साथ उनके रहने और खाने का भी प्रबंध किया जा रहा है और यह सेवाएं बच्चों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी. आपने भी देखा होगा कि इस कोरोना वायरस से पिछले 2 महीने में कितनी मौतें हुई. इसी को मद्देनजर रखते हुए हमारे चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली और डायरेक्टर डॉ अब्दुल अहद ने यह फैसला लिया कि इस दौरान बहुत से लोग यतीम हो चुके हैं उनके मां-बाप गुजर गए हैं. तो इनमें जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास पैसा नहीं है ऐसे बच्चों को हम लोग यहां फ्री ऑफ कॉस्ट खाना भी प्रोवाइड कराएंगे, रखेंगे भी और उनकी पढ़ाई भी कर आएंगे. जिससे उनकी पढ़ाई चलती रहे और मुल्क को आगे अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर मिलते रहे.”
इसके प्रोसेस के बारे में मुबीन बताते हैं, “इस बारे में अगर कोई हमसे राफ्ता कायम करता है तो हम उसकी पहले जांच करेंगे, जिसमें कोरोना और डेथ सर्टिफिकेट वगैरा देखेंगे. और लोकल वेरिफिकेशन भी करेंगे कि यह सच है या नहीं. और अगर सच है तो उसको यह सारी फैसिलिटी है हम प्रोवाइड कराएंगे. इस बारे में हमारे पास कॉल आनी शुरू हो गई है. अभी 31 मई तक लॉकडाउन है. अगर 31 मई के बाद लॉकडाउन खुला तो हम इनका वेरिफिकेशन शुरू कर देंगे. बाकी हमारा मेन मकसद यही है जो इस महामारी की वजह से जो परेशान है उनके लिए है. और इसमें लड़का -लड़की दोनों को लिया जा रहा है. इसके अलावा बच्चा हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी मजहब का हो हमें उससे कोई मतलब नहीं है हमें तो बच्चे के भविष्य से मतलब है.”

शाहीन एकेडमी लखनऊ पिछले 3 साल से देश भर के कक्षा 9-12 तक के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराती आ रही है.
इसके बारे में मुबीन बताते हैं, “हमारी यह एकेडमी कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा के साथ हॉस्टल फैसिलिटी प्रोवाइड कराती है और उन्हें आगे परीक्षाओं की तैयारी कराती है. क्योंकि बच्चा 9वीं क्लास से ही डिसाइड करता है उसे आगे किस फील्ड में जाना है. तो उसी के मुताबिक अगर किसी को डॉक्टरी लाइन में जाना है तो उसकी नीट की तैयारी, और अगर किसी को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाना है तो उसको आईआईटी की तैयारी कराई जाती है. इसके लिए हमारे पास अच्छे क्वालिफाइड फैकल्टी है. तो हमने यहां एक ऐसा निजाम बनाया है कि बच्चा यही हमारे पास हॉस्टल में रहेगा. और यहीं पढ़ाई के साथ उसका पर्सनलटी डेवलपमेंट भी हम कराते हैं. बेसिकली क्या होता है बच्चे 12वीं करने के बाद कोचिंग ज्वाइन करते हैं और एक 2 साल पर उनका बर्बाद होता है तो हम उसकी तैयारी 11-12 ही करा देते हैं. लखनऊ में इस एकेडमी को 3 साल हो गए हैं और हमारे पास पहले से ही लगभग 100 बच्चे हैं, जिन्हें हम तैयारी कराते हैं. वैसे इसकी मेन ब्रांच कर्नाटक में है, जो वहां बहुत अच्छा काम कर रही है. उसी से मुतासिर होकर हमने लखनऊ में ये शुरू किया था."