अगवा जवान की रिहाई के लिए माओवादियों से सरकार से मध्यस्थों के नाम मांगे
सरकार के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुई थे. वहीं माओवादियों का कहना है कि इस मुठभेड़ में 24 जवान शहीद हुए थे, और एक जवान उनके कब्जे में है.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने मंगलवार को एक बयान जारी किया. इस बयान के मुताबिक मुठभेड़ में माओवादियों ने अपने 4 साथियों के मारे जाने की बात स्वीकार की है. उनका कहना है कि वो अपने 3 साथियों का शव ले जाने में तो कामयाब रहे. लेकिन एक साथी का शव वो नहीं ले जा पाए. इसके साथ ही माओवादियों ने इस मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के प्रति खेद जताया है. माओवादियों ने कहा है कि उनके कब्जे में सुरक्षा बल का एक जवान है. इस जवान की रिहाई के लिए माओवादी पार्टी ने सरकार से मध्यस्थों से नाम मांगे हैं.

यह बयान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने जारी किया है. बयान में कहा है कि सरकार मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, उसके बाद उस जवान को उन्हें सौंप दिया जाएगा. तबतक अगवा जवान जनताना सरकार की सुरक्षा में सुरक्षित रहेगा.

माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि मुठभेड़ के दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों से 14 हथियार, करीब 2 हजार कारतूस और अन्य सामान जब्त कर लिए हैं. सुरक्षा बलों से जब्त किए गए सामान की फोटो भी बयान के साथ जारी की गई है.
माओवादियों की दावा
दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विक्लप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 3 अप्रैल को 2 हजार पुलिस बल बड़ा हमला करने के लिए जीरागुड़ेम गांव के पास आए थे. जवानों को रोकने के लिए पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) ने उन पर हमला किया.
बयान में माओवादियों का दावा है कि इस मुठभेड़ में उन्होंने सुरक्षा बलों के 24 जवानों को मार गिराया. हालांकि पुलिस ने अभी तक 22 जवानों के शहीद होने और एक जवान को बंदी बनाए जाने की पुष्टि की है.
इस बयान में माओवादियों ने अपने मारे गए साथियों के नाम भी दिया है. इसके मुतिबाकि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ओड़ी सन्नी, पदाम लखमा, कोवासी बदरू और नपा सुरेश शहीद हुए हैं. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने महिला नक्सली सन्नी का शव बरामद किया था. माओवादियों के मुताबिक वो अपने 3 साथियों के शव ले गए और क्रांतिकारी रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

माओवादियों ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस हमारी दुश्मन नहीं हैं. उनका कहना है कि सरकार पुलिस के जवानों को बली का बकरा बना रही है. नक्सलियों ने शहीद जवानों के प्रति खेद जताया है.
राज्य के बीजापुर जिले के टेकुलगुडम में 3 अप्रैल को हुए सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीत हो गए थे. और 31 जवान घायल हो गए थे. इनमें से 13 का इलाज रायपुर और 18 का बीजापुर में चल रहा है. कोबरा बटालियन का एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास नक्सलियों के कब्जे में है. वो जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं.