किसान आंदोलन : विवादों में सिंघू बॉर्डर, किसान मोर्चा ने की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से जांच की मांग
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का प्रमुख केंद्र बना सिंघु बॉर्डर इन दिनों हिंसक घटनाओं को लेकर चर्चा में बना हुआ.
हाल में बॉर्डर पर हुई लिंचिंग की घटना के बाद एक बार फिर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला की खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंघु बॉर्डर पर हुई मार-पीट की इस घटना में मजदूर मनोज पासवान बुरी तरह से घायल हो गया है और उसकी एक टांग टूट गई है. पीड़ित मनोज पासवान ने आरोप लगाया कि करनाल निवासी नवीन नाम के एक व्यक्ति ने उसका पैर तोड़ दिया, जब उसने अपने साथ ले जा रहे पोल्ट्री स्टॉक से चिकन देने से इनकार कर दिया. अब किसान आंदोलन फिर से सवालों के घेरे में आ गया है.
इससे पहले 15 अक्टूबर की सुबह दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर किसान आंदोलन स्थल पर पुलिस बैरिकेड्स के साथ लखबीर का शव लटका मिला था. उसका एक हाथ भी कटा हुआ था. सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंग उस घायल व्यक्ति के चारों तरफ खड़े नजर आ रहे थे और इस दौरान आदमी का कटा हुआ बायां हाथ उसके आगे पड़ा हुआ था. निहंगों को उस आदमी पर सिखों की पवित्र किताब का अपमान करने का आरोप लगाते सुना जा रहा था.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया था कि युवक को 100 मीटर तक घसीटा गया. उसका एक हाथ काट दिया और फिर धरनास्थल पर मंच के सामने ही लाश को लटका दिया. इस मामले में निहंगों की भूमिका सामने आ रही है. मृतक की पहचान 35 साल के लखबीर सिंह के रूप में हुई है. मृतक मजदूर था और पंजाब के तरन तारन का रहने वाला था.
हालांकि लखबीर सिंह की हत्या से किसान संगठनों ने खुद को अलग कर लिया था. और राकेश टिकैत सहित कई नेताओं ने इसे सरकार की साजिश बताया था. संयुक्त किसान मोर्चा के तमाम नेता बयान जारी कर कहा कि उनका निहंगों से कोई ताल्लुक नहीं है और वे किसी भी धार्मिक पाठ, प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है. लखबीर सिंह की हत्या की निंदा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह और मृतक का एसकेएम से कोई संबंध नहीं है.
लेकिन इस मामले में तब एक मोड़ आ गया जब पिछले दिनों एक फोटो वायरल हुआ था जिसमें केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर ने एक निहंग सिख नेता से मुलाकात की थी, जिसका समूह कथित रूप से सिंघु बॉर्डर पर हुई क्रूर हत्या के मामले में संलिप्त था. अब इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या की जांच गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराने और केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी के इस्तीफे की मांग की है.
Baba Aman Singh, Nihang chief, whose group members were arrested for barbaric killing of a man at Singhu border was spotted in meeting with BJP Ministers. pic.twitter.com/BO7kJqwbbw
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) October 19, 2021
किसान मोर्चा मोर्चा ने एक बयान में कहा, एसकेएम की मांग है कि केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और कैलास चौधरी को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. दोनों मंत्रियों के उस निहंग सिख नेता से मुलाकात की तस्वीरें हैं, जिसका संगठन इस बर्बर हत्या में शामिल रहा है. इसमें किसानों को फंसाने और बदनाम करने की साजिश का पता लगाने के लिए एसकेएम की मांग है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए. मोर्चा ने कहा कि ऐसी घटनाओं से किसानों के आंदोलन को बदनाम करने और उसे हिंसा में फंसाने की साजिश है.
सिंघु बॉर्डर पर हुई इस घटना और उसका प्रभाव के बारे में एशियाविल ने किसान नेता जसवीर कौर नट से बातचीत की.
जसवीर कौर ने मुझे बताया, “हम तो पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं. इसके खिलाफ हैं कि जो उन्होंने किया है गलत किया है. और अब सामने आ गया है कि यह सब सरकार करा रही है. ऐसा किसी को मारना यह ठीक नहीं, सिख धर्म में भी ऐसा नहीं है. अगर उसने बेअदबी की भी है तो हम उसकी निंदा करते हैं और मानते हैं कि इसकी सजा मिलनी चाहिए लेकिन वह भी कानून के दायरे में रहकर मिलना चाहिए. किसी को इस तरह हाथ-पैर काटकर टांगकर तमाशा बनाया गया ये बहुत गलत और रोंगटे खड़े करने वाला है. और ऐसा कौन मंत्री किसी को खाना खिलाता है. तो वह सब बीजेपी का ही किया हुआ था इससे आदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यह बात सबके सामने आ चुकी है. बाद में तो सामने भी आ गया अभी उसकी और परते भी खुलने वाली हैं कि उस आदमी को गांव से कौन लाया, एक साधारण और गरीब आदमी था तो कोई तो इसके पीछे साजिश है और अगले दिन ही उसका कत्ल कर दिया.
जसबीर कहती हैं, “हमारे लीडरशिप में भी बहुत सूझबूझ से और समझदारी से जवाब दिया है. और सोशल मीडिया ने भी सब चीजों को सामने रख दिया है तो इस घटना का किसान आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बल्कि लोगों को पता चल गया ये सब सरकार करा रही है.”
दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह की हत्या के विरोध में युवा शक्ति दल के सदस्यों ने अंबाला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम कर दिया. इस दौरान दर्जनों युवा मानव श्रृंखला बनाकर नेशनल हाईवे पर खड़े हो गए. जाम के दौरान नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई.
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