सफाईकर्मियों से ध्वजारोहण कराकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मनाया स्वतंत्रता दिवस
भारत ने इस साल 15 अगस्त को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. इस दौरान किसान आंदोलन में भी किसानों ने ध्वजारोहण किया और तीनों कृषि कानूनों से आजादी की बात कही. इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर के किसान क्रांति द्वार यूपी गेट पर चल रहे आंदोलन में भी ध्वजारोहण किया गया.
खास बात यह थी कि ध्वजारोहण, सफाईकर्मियों बाल्मीकि समाज द्वारा किसानों ने अपनी स्वेच्छा से सम्मान से करवाया. सभी किसानों और पूर्व सैनिकों ने पंक्ति बद खड़े होकर सावधान की मुद्रा में राष्ट्रीय गान गाया. और "अब देश नहीं बिकने देंगे, मुंहतोड़ जवाब देंगे" और "सबका साथ , दुश्मनों का विनाश " तथा " देश बिक रहा है , तिरंगा संभालो यारों जैसे नारे भी यहां लोगों ने लगाए. इस दौरान हरियाणा और यूपी के हापुड़, मेरठ, मुरादनगर से सैकड़ों किसान रैली के रूप में यहां पहुंचे. और पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली राष्ट्रीय महापंचायत में भागीदारी पर चर्चा हुई. गौरतलब है कि हजारों किसान केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आठ महीने से अधिक समय से दिल्ली के अलग- अलग बॉर्डरों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस दौरान किसानों ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपना विरोध जताया और #खेती_क़ानूनों_से_आज़ादी_दो #FarmersProtest जैसे हैशटैग टवीटर पर चलते रहे.
Today, on Independence Day, farmers will stage peaceful Tiranga Marches nationwide reiterating their demands to Repeal Farm Laws & enact guaranteed law for MSP#खेती_क़ानूनों_से_आज़ादी_दो pic.twitter.com/e51EOymZSK
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) August 15, 2021
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने इस अवसर पर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की.
इसके मुताबिक, सफाईकर्मियों से झंडारोहण पर किसानों ने कहा था कि जब से हम यहां आए हैं 9 महीने हो गए इन्होंने यहां सफाई करके सबसे बड़ी सेवा की है. हमें स्वच्छ वातावरण दिया है. हम उनके आभारी हैं. यह सच्चे देशभक्त हैं. किसानों ने तिरंगे की तरफ देख कर कहा कि जब जब राष्ट्र पर संकट आया है सबके साथ से ही मुक्ति पाई है. एकता में शक्ति हैं. कुछ किसानों ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जीवन में ऐसा जालिम आदमी नहीं देखा और ऐसी निर्दयी सरकार नहीं देखी, इसने तो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया. आज के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किला प्राचीर से दिए गए भाषण में छोटे किसानों के प्रति भावनाए दिखा कर इन तीन काले कानून को सही बताने का इशारा करके अपनी हठ धर्मिता का परिचय दिया है. इससे लगता है कि यह सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है. आगामी चुनाव में हराने तक आंदोलन लम्बा चलेगा. हर देशवासी सिर्फ एक झण्डे के नीचे देखा जा रहा है. इस बार राष्ट्रीय ध्वज की कीमत समझ में आ रही है. अब किसी तरह किसान और कृषि के खिलाफ इस सरकार की भी सफाई कर देनी चाहिए. आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 75 साल में दोबारा स्वतंत्रता बचाए रखने की ख्वाहिश देशवासियों में फिर जगी नजर आ रही है.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) राष्ट्रीय प्रभारी शमशेर सिंह राणा ने एशियाविल से बात करते हुए कहा, “प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन के नेतृत्व में यहां यह प्रोग्राम किया गया. क्योंकि टिकैत साहब (राकेश) तो तराई क्षेत्र में गए हुए थे. तोयहीं किसानों ने यह फैसला किया था कि यह सफाई कर्मचारी यहां साफ-सफाई रखते हैं तो इनका अधिकार है झंडा फहराने का, हमें तो कोई राजनीति करनी नहीं है. इस कारण ही सफाई कर्मचारियों से झंडा फहरवाया गया. इसके अलावा हरियाणा से बस में महिला पुरुष किसान आए थे और उन्होंने महापंचायत में पहुंचने का आह्वान किया और इसके अलावा 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत की रणनीति तैयार की गई. दूसरे जो प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से भाषण दिया है उससे यह साफ नजर आता है कि छोटे किसानों को मदद करने के नाम पर जो घुमा फिरा कर बात कही गई है उससे लगता है कि वह कांटेक्ट फार्मिंग की तरफ इशारा करती है. क्योंकि उन्होंने तो यही कहा कि तीनों कृषि कानून इनके हित में हैं. और तिरंगा बचाओ देश बचाओ का आह्वान किया गया.”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने किसानों का जिक्र भी किया था. मोदी ने कहा था कि शहरों के अलावा देश के गांवों के विकास पर भी हमें अधिक ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा, "गांवों में लोगों के पास जमीनें छोटी होती जा रही हैं. परिवारों का बंटवारा होने के बाद किसानों के पास ज़मीन छोटी से छोटी होती जा रही है. पहले की नीतियों में छोटे किसानों पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया था लेकिन अब उन किसानों को ध्यान में रख पर फ़ैसले लिए जा रहे हैं. आने वाले समय में ब्लॉक लेवल कर वेयरहाउस बनाने का अभियान चलाया जाएगा."
छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है।
— PMO India (@PMOIndia) August 15, 2021
आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी: PM @narendramodi
उन्होंने आगे कहा था, "देश के अधिकतर किसान छोटे ज़मीनों के मालिक हैं. पहले देश की नीतियों में छोटे किसानों के लिए नीतियां नहीं थीं. लेकिन अब देश में कृषि सुधार किए जा रहे हैं. फसल बीमा में सुधार जारी है. छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मिले. सोलर योजनाएं प्रभावी हों. हर छोटे-छोटे किसान को ध्यान में रखते हुए पीएम कृषि सम्मान योजना चलाई जा रही है. छोटा किसान बने देश की शान- ये हमारा सपना है. आने वाले वर्षों में देश के छोटे किसानों की ताक़त बढ़ानी होगी."
इस बीच शनिवार से ही राष्ट्रीय राजधानी में स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई थी और हजारों सुरक्षाकर्मी संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थानों पर कड़ी निगरानी रखे रहे. दिल्ली की सीमाओं पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.
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