दिल्ली हाइकोर्ट: अगर कोई ऑक्सीन सप्लाई रोकता है तो हम उसे फांसी पर लटका देंगे
कोरोना वायरस ने पूरे देश के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. चारों तरफ कोहराम मचा हुआ है. सारी स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा रही हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में दवाओं से लेकर ऑक्सीजन तक की मारामारी है. बिना ऑक्सीजन के दिल्ली में मरीजों की जान जा रही है. कल भीदिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गई थी. अस्पताल पूरी तरह बेबस नजर आ रहे हैं और यहां तक घोषणा कर रहे हैं कि उनके यहां सिर्फ कुछ ही घंटे तक के लिए ऑक्सीजन बचा हुआ है. साथ ही सरकारों और कोर्ट से ऑक्सीजन मुहैया कराने की गुहार लगा रहे हैं.
ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की सांसों पर आए संकट को देखते हुए महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने जल्द से जल्द ऑक्सीजन दिलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी को लेकर सख्त टिप्पणी की है.
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा, “अगर कोई सप्लाई रोकता है तो हम उसे बख्शेंगे नहीं, फांसी पर लटका देंगे.”
If anyone obstructs oxygen supply, we will not spare them: Delhi HC
— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2021
स्पताल ने कोर्ट को बताया थाकि उनके पास 306 कोरोना के मरीज हैं. और अगर ऑक्सीजन नहीं मिली तो उन्हें डिस्चार्ज करना पड़ेगा.
इसके बाद हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि जिम्मेदारी आपकी सरकार की बनती है, आप भी खुद का ऑक्सीजन प्लांट लगाइए.कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल-जवाब तलब किए और कहा कि वह बताए कि कौन ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर रहा है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताने के बारे में कहा ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके. बेंच ने कहा कि कोई भी बड़े से बड़ा अधिकारी ऑक्सीजन की सप्लाई में अगर दिक्कत डालेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं.कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऐसे टेलीफोन नंबर जारी करके का सुझाव दिया जिस पर कोविड-19 अस्पताल सरकार से सीधे संपर्क कर सकें. कोर्ट ने नोडल अधिकारियों पर भार काम करने के लिए अन्य अधिकारी भी नियुक्त किए जाने की सलाह दी.
इस दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील राहुल मेहरा ने कहा कि बंटवारे के लिहाज से 480 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलने के बजाए, हमें कल महज 295 मैट्रिक टन ही ऑक्सीजन मिली है. इस पर बाद हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई में कोई भी दिक्कत डालेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं.
Delhi High Court Division Bench of Justice Vipin Sanghi & Justice Rekha Palli begins hearing a plea by Maharaja Agarsen Hospital regarding a shortage of oxygen. pic.twitter.com/n4UObucGKt
— ANI (@ANI) April 24, 2021
इस पर अदालत ने केंद्र से सवाल पूछा कि आपने हमें 21 अप्रैल को आश्वस्त किया था कि दिल्ली में हर दिन 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचेगी. हमें बताएं कि यह कब तक पहुंचेगी?
कोर्ट ने भविष्य के बारे में चेतावनी देते हुए केंद्र से पूछा कि आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट के मुताबिक, बीमारी का पीक मई के मध्य में आना है,उसको लेकर हमारी क्या तैयारी है. इस पर केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस पर ध्यान दिया जा रहा है. हम कोई पैनिक नहीं करना चाहते. उम्मीद करते हैं कि ये सच न हो, पर अनुमान है कि स्थिति और खराब हो सकती है. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए.
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने अदालत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए गुरुवार को हुई बैठक की जानकारी भी दी, जिसमें मोदी ने राज्यों को कोरोना से जंग में एकजुट होने, दवा तथा ऑक्सीजन की मुफ्त ढुलाई में हस्तक्षेप करने से बचने को कहा था. सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि ऑक्सीजन की ढुलाई में हम अर्द्धसैनिक बलों को नहीं लगा सकते, संवैधानिक रुप से ऐसा नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि दो दिन पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए केंद्र को निर्देश दिया था कि राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति बिना किसी रूकावट के जारी रहनी चाहिए. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने यहां तक कहा थाकि हम सभी जानते हैं कि यह देश भगवान चला रहा है.
फिलहाल केंद्र और राज्यों के टकराव के बीच भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर लोगों पर कहर बननकर टूट रही है. देश में शुक्रवार को एक दिन में संक्रमण केरिकॉर्ड 3.32 लाख नए मामले सामने आए जबकि 2263 लोगों की मौत हुई. देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 24,28,616 हो गई है.5 अप्रैल के बाद से भारत में प्रतिदिन दो लाख से ज़्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं, संक्रमित लोगों की मौत की संख्या भी लगातार बढ़ रही है.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि उस समय देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है और इसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी. यानि अगर वैज्ञानिकों की मानें तो देश पर कहर बनकर टूट रहा कोरोना का ये संकट और बढ़ेगा जिस कारण,फिलहाल इस त्रासदी से उबरने की कोई संभावना अभी नजर नहीं आ रही.