क्रूरता : म्यांमा में सैनिकों ने पिता के गोद में बैठी 7 साल की बच्ची को मार दी गोली
भारत के पड़ोसी म्यांमा में लोकतंत्र समर्थकों पर सैनिकों का अत्याचार बढ़ता है. बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था सेव दी चिल्ड्रेन के मुताबिक सैनिकों ने 7 साल की एक बच्ची को उस समय गोली मार दी, जब वह अपने पिता के गोद में बैठी थी.
म्यांमा में सेना की हिंसा पर कई देश चिंता जता चुके हैं. मांडले में सेना का अत्याचार इस कदर बढ़ गया है कि उसने बीते मंगलवार को अपने पिता की गोद में बैठी सात साल की एक बच्ची की गोली मारकर हत्या कर दी. यह बच्ची प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई कार्रवाई में मारी जाने वाली सबसे छोटी उम्र की है.

इस मामले पर मानवाधिकार समूह सेव द चिल्ड्रेन ने कहा है कि सेना की निर्मम कार्रवाई में मारे गए दर्जनों लोगों में 20 बच्चे भी शामिल हैं. संस्था ने एक बयान में कहा कि वह बच्ची की मौत से चिंतित है. जिस तरह से हर रोज बच्चों की मौत हो रही है, वह यह दिखाती है कि सेना को लोगों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं है.
वहीं सेना का कहना है कि उसकी कार्रवाई में अब तक 164 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है. सेना ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारी लगातार हिंसा कर रहे हैं. सेना का दावा है कि वह अपनी कार्रवाई में कम से कम बल प्रयोग की कोशिश कर रही है. सैन्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है.
Is killing a 7 yr old girl a new strategy for Myanmar security?14 yr old boy also killed recently. Plus 14 & 16 yr boys shot dead in the head. More than 20 children killed, among more than 261 killed since the coup.
— Yanghee Lee (@YangheeLeeSKKU) March 24, 2021
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इस बीच एसिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स का कहना है कि सेना के हमले में कम से कम 261 लोगों की मौत हुई है.
बता दें सेना ने मंगलवार को हुई प्रदर्शनकारियों की मौत पर दुख जताया है. सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सैनिकों ने बच्ची के पिता को गोली मारी थी, लेकिन पिता को गोली लगने के बजाय वह उसकी गोद में बैठी बच्ची को लग गई. बच्ची की पहचान खिन मायो चित के तौर पर हुई है.

जानकारी के अनुसार गोली लगने के बाद एक बचाव दल ने बच्ची का इलाज किया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. परिजनों ने बताया कि सेना ने बच्ची के 19 साल के भाई को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, इस मामले पर सेना की तरफ से कोई टिप्पणी अबतक नहीं आई है.