5 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें मैच फिक्सिंग के आरोपों में बैन किया गया
भारत में फिक्सिंग का भूत तब आया जब मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय शर्मा जैसे खिलाड़ियों का नाम इसमें उछला. भारतीय टीम के कप्तान रहते हुए उनको बैन किया गया था. मोहम्मद अजहरुद्दीन पर 2000 में मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे थे.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग के कई मामले होते रहे हैं. और फिक्सिंग के दाग कई नामी क्रिकेटरों के दामन पड़ भी पड़े हैं. लेकिन कई मामलों में इन्हें पकड़ना मुश्किल रहा है लेकिन कुछ बार खिलाड़ी पकड़े भी गए हैं. आईसीसी ने फिक्सिंग के लिए कड़े नियम बनाए हैं इसके बावजूद फिक्सिंग होती है. पाकिस्तान के ज्यादा खिलाड़ी फिक्सिंग में लिप्त पाए गए हैं. उन्हें बैन तक किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिक्सिंग को खराब माना गया है और कड़े प्रतिबंध और सजा का प्रावधान भी ICC और संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड ने किए हैं. पहले फिक्सिंग के कई मामले देखने को मिलते थे लेकिन अब कड़े नियमों और ज्यादा निगरानी के कारण इस तरह के कम मामले सामने आते हैं. आज हम बात करेंगे भारतीय टीम के उन क्रिकेटरों का जिन्हें फिक्सिंग आरोपों में बैन किया गया था. हालांकि बाद में वे बरी हुए लेकिन टीम में नहीं लौटे.
एस श्रीसंत
भारतीय खिलाड़ी एस श्रीसंत को 2013 आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए फिक्सिंग आरोप में बैन किया गया था और लाइफटाइम बैन लगाया गया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने श्रीसंत का लाइफटाइम बैन हटाने का फैसला सुनाया और उन्हें दोषमुक्त मानते हुए बरी किया. श्रीसंत अब क्लब क्रिकेट से वापसी करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि भारतीय टीम में उनकी वापसी के आसार कम ही नज़र आते हैं.

अजय जडेजा
अजय जडेजा का नाम एक आक्रामक खिलाड़ी के रूप में माना जाता था. उनका करियर उस समय ख़त्म हुआ जब उन पर फिक्सिंग आरोपों में 5 साल का बैन लगाया गया. लेकिन बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने जनवरी 2003 में आरोपों को ख़ारिज कर उन्हें खेलने के लिए योग्य माना. हालांकि टीम इंडिया में उन्हें जगह नहीं मिली. फ़िलहाल अजय जडेजा कमेंट्री की दुनिया में हैं.

मनोज प्रभाकर
मनोज प्रभाकर को भी फिक्सिंग आरोपों के कारण बैन किया गया था. तहलका फिक्सिंग कांड में हुए खुलासे में उनका नाम आया. उन्होंने खुद फिक्सिंग में शामिल होने की बात स्वीकारी थी. बाद में उन्हें बीसीसीआई ने क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया था. बुकियों के साथ सांठ-गांठ के चलते मनोज प्रभाकर पर 5 साल का बैन लगा दिया गया था. उसके बाद वह भारतीय टीम में नहीं लौटे.

नयन मोंगिया
भारतीय टीम के शानदार विकेटकीपरों का नाम लिया जाता है, तो नयन मोंगिया को ज़रूर याद किया जाता है. नयन मोंगिया भी उसी समय फिक्सिंग कांड में आरोपित हुए जिस समय अजय जडेजा और मनोज प्रभाकर का नाम आया था. उन्हें भी बीसीसीआई ने बैन कर दिया था. बाद में वह टीम में कभी वापसी नहीं कर पाए.

मोहम्मद अजहरुद्दीन
भारत में फिक्सिंग का भूत तब आया जब मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय शर्मा जैसे खिलाड़ियों का नाम इसमें उछला. भारतीय टीम के कप्तान रहते हुए उनको बैन किया गया था. मोहम्मद अजहरुद्दीन पर 2000 में मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे थे. बीसीसीआई ने अजहरुद्दीन को लाइफटाइम बैन कर दिया और उनका करियर वहीं खत्म हो गया. हालांकि बाद में उन्होंने कोर्ट में अपील की और उन्हें बरी किया गया लेकिन तब तक उनकी उम्र हो चुकी थी और वापसी का कोई मौका नहीं था.