हाथरस की पीड़िता के परिजनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की बात, 25 लाख की मदद दी
हाथरस की गैंगरेप पीड़िता दलित लड़की की मौत के बाद देश भर में बढ़ रहे गुस्से के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से बातचीत की.
हाथरस में दलित लड़की के साथ हुए गैंगरेप और उसकी मौत के बाद पुलिस ने जिस तरह से उसका अंतिम संस्कार कराया, उससे देशभर में आक्रोश है. इसके लिए लोग उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने बच्ची के पिता से बात करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और प्रशासन को हर संभव मदद के निर्देश दिए।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 30, 2020
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. बुधवार शाम हुई बातचीत में मुख्यमंत्री ने इस परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया.
बुधवार सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर योगी आदित्यनाथ से बात कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही थी. इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपये की मदद, घर और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है.
गैंगरेप पीड़िता की मौत और देर रात हुए अंतिम संस्कार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. इसके बाद से ही योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. देर रात हुए अंतिम संस्कार को लेकर विपक्ष का कहना है कि पुलिस ने साक्ष्य को मिटाने के लिए परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं पुलिस और प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि मंगलवार सुबह पीड़िता की मृत्यु हो गई थी. देर रात पोस्टमार्टम के बाद जब शव पहुंचा तो परिवार वालों की सहमति से और उनकी उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया गया था. प्रशांत कुमार ने कहा कि कुछ महिलाओं द्वारा आरोप लगाए गए हैं, परंतु सत्य यही है कि उनकी उपस्थिति से और सहमति से ही अंतिम संस्कार कराया गया था. शांति व्यवस्था के लिए वहां पुलिस उपस्थित थी. एडीजी ने कहा कि पीड़िता की डेड बॉडी खराब हो रही थी, इसलिए घर के लोगों ने सहमति जातई थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर देना उचित होगा.
वहीं रात में अंतिम संस्कार के सवाल पर हाथरस के जिला अधिकारी ने कहा कि रात को करीब 12:45 बजे पीड़िता का शव लाया गया. मेरी पीड़िता के पिता और भाई से बात हुई थी. उन्होंने सहमति दी थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए. करीब एक से सवा घंटे तक शव वाहन उनके घर पर खड़ा रहा और अंतिम संस्कार के दौरान परिजन वहां पर उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि करीब 3 बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया.
हालांकि कई जगह पीड़िता के भाई और पिता के हवाले से कहा गया है कि उनकी गैर मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.
योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है. गृह सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने इस एसआईटी को एक हफ्ते में अपने जांच रिपोर्ट देने को कहा है.