यूपी बेसिक शिक्षक भर्ती : अभ्यर्थियों ने सीएम योगी को लिखी खून से चिट्ठी
बाईस हजार पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ स्थित पानी की टंकी पर पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने अपनी मांग पूरी न होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से एक चिट्ठी लिखी है.
अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि अभ्यर्थी चार माह से भूख-प्यास सहते हुए धरना दे रहे हैं. हमारी भूल को क्षमा करें और एक लाख 37 हजार 500 के समस्त रिक्त पदों पर हम योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाएं. पत्र में अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षकों के पद खाली हैं और दावेदार उपलब्ध हैं तो फिर आनाकानी क्यों की जा रही है. अभ्यर्थियों ने यह भी लिखा है कि अभी तक हमें सिर्फ लाठियां और जेल मिली है. हमारी योग्यता शिक्षक बनने की है जेल में डालने की नहीं. 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीट 69000 भर्ती में जोड़ा जाएं. मांगे न माने जाने व पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करने से अभ्यर्थी नाराज हैं.
इससे पहले अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि कुछ दिनों पहले पुलिस ने इन पर बल प्रयोग किया था पुलिस की कार्रवाई से कई महिला अभ्यर्थियों को भी चोटें आईं थी और कई अभ्यर्थी पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही लापता हैं.
इस मामले को लेकर अब विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस चिट्ठी को अपने टवीटर अकाउंट से शेयर किया है. वहीं इस बारे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने टवीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘उप्र के युवा हाड़तोड़ मेहनत कर नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं. उनके माता-पिता पसीना बहाकर उनकी पढ़ाई व तैयारी का खर्च उठाते हैं. बड़े ही शर्म की बात है कि भाजपा सरकार उन्हें इस कदर प्रताड़ित करती है कि नौकरी मांगने के लिए वे खून से खत लिखने को मजबूर हैं.’ #भाजपा_गद्दी_छोड़ो
उप्र के युवा हाड़तोड़ मेहनत कर नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं। उनके माता-पिता पसीना बहाकर उनकी पढ़ाई व तैयारी का खर्च उठाते हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 26, 2021
बड़े ही शर्म की बात है कि भाजपा सरकार उन्हें इस कदर प्रताड़ित करती है कि नौकरी मांगने के लिए वे खून से खत लिखने को मजबूर हैं।#भाजपा_गद्दी_छोड़ो pic.twitter.com/7HWAoEtLyp
इस मामले को समझने के लिए जब एशियाविल ने एक अभ्यर्थी को फोन किया था वह थाने में ही थे जो अन्य साथियों को छुड़ाने आए थे.
अजीत वाजपेयी ने मुझे बताया, “मैं तो अभी निशातगंज थाने में हूं पिछले दिनों जो बच्चे एससीईआरटी के अंदर चले गए थे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. 60 से ज्यादा बच्चों को गिरफ्तार किया हुआ है उनका कोई पता नहीं है. हमलोग चार-पांच दिन से उन्हें छुड़ाने के लिए यहां थाने के चक्कर लगते हैं. लेकिन अभी कुछ नहीं पता चल पा रहा है. दरअसल बेसिक शिक्षा भर्ती में 22000 सीट जोड़ने को लेकर हम पिछले लगभग 140 दिन से धरना दे रहे हैं. जब हम डेलिगेशन में जाते हैं तो सरकार कहती है कि आपका काम भी कर दिया जाएगा. यानि मना भी नहीं करते हैं लेकिन करते भी नहीं है. या तो हमसे साफ बोल दे कि आपका कार्य नहीं होगा तो हम यहां से चले जाएं. अब हम चाहे प्रदेश अध्यक्ष के पास जाएं या उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा के पास जाएं वह कहते हैं कि हो जाएगा. हमने ये भी कहा है कि सर हमने आपकी सरकार से जो आशा की थी वह आशा, निराशा में परिवर्तित होती जा रही है.”
अजीत आगे बताते हैं, “उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि आप बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास जाइए ये हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. अब ऐसा कौन सा विभाग है जो शिक्षा मंत्री के विभाग में ना हो. पिछली बार जब हम गए तो बेसिक शिक्षा मंत्री ने गिरफ्तारी का आदेश करा दिया. जिससे पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल कहीं से कोई भी सकारात्मक आश्वासन नहीं मिल रहा है. और सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि 137500 को दो क्रमागत भर्तियों में 6 माह के अंदर भरे. इसके लिए पहले 69000 अभयर्थियों की भर्ती निकाली गई जिसमें कुछ ऐसी परिस्थिति आई कि मात्र 42000 अभयर्थी ही पास हुए. लेकिन जब इसी का दूसरा भाग 69000 निकाला गया, उसमें 146000 बच्चे पास हो गए. तो जो पिछले में उन्होंने 22000 सीट योग्य शिक्षक ना मिलने की कह कर बचा ली थी हम वह मांग कर रहे हैं कि उन्हें इस भर्ती से पूरा किया जाए. यानि पूरी 137000 सीटों को भर दिया जाए यही हमारी मांग है. इसी को लेकर यह लेटर जो एससीईआरटी पर बैठे हुए लोग हैं उन्होंने लिखा है. इसमें कुछ नहीं है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस टाइम स्वयं कहा था कि हमारे राज्य में योग्यता की कमी दिखाई दे रही है अगर योग्य छात्र होते तो मैं इन सारे पदों को भर देता. उनका हमारे पास वीडियो भी है. अब सवाल है कि जब अब योग्य अभ्यर्थी मिल रहे हैं तो आप भर क्यूं नहीं रहे.”
बता दें कि इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी बना दी है, लेकिन अभ्यर्थियों का आंदोलन जारी है.
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