बजट 2021-2022 : इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं, बुजुर्गों को आईटीआर की जरूरत नहीं
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि अब 75 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी नहीं है. सरकार में आयकर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में 2021-2022 का बजट पेश किया. उन्होंने बताया कि इस साल का बजट 6 स्तंभों पर आधारित है. आइए जानते हैं कि सरकार ने इस बजट में करदाताओं के लिए क्या-क्या प्रावधान किया है. और अन्य क्षेत्रों के लिए क्या है इस बजट में.

बुजुर्गों को राहत
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि आजादी की 75वीं सालगिरह पर हम 75 साल और उससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजंस को राहत देना चाहते हैं. उन्हें अब आयकर रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी.
इनकम टैक्स जस का तस. किसी भी स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बजट में किसी नई छूट की घोषणा नहीं की गई है. घर के लिए ब्याज में 1.5 लाख की एक्स्ट्रा छूट 1 साल और बढ़ाई गई है.
इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEA के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए कर्ज (लोन) पर लागू किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स असेसमेंट की अवधि को घटा कर छह साल से तीन साल किया जाता है. इसका मतलब है कि अब तीन साल से पुराने केस नहीं खोले जाएंगे. टैक्स सुधार की दिशा में यह बड़ा कदम है.
उन्होंने कहा कि अभी टैक्स रिअसेसमेंट 6 साल और गंभीर मामलों में इस तरह के केस 10 साल बाद भी खोले जा सकते थे. अब इसे घटाकर 3 साल किया जा रहा है. गंभीर मामलों में जब एक साल में 50 लाख से ज्यादा की इनकम छिपाने की बात होगी, तभी 10 साल तक केस खोले जा सकेंगे. कमिश्नर ही इसकी मंजूरी देंगे.
85 हजार करोड़ रुपये के टैक्स डिस्प्यूट हाल ही में खत्म हुए हैं. डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन कमेटी बनाई जाएगी. 50 लाख से तक की इनकम और 10 लाख तक की विवादित इनकम वाले लोग इस कमेटी के पास जा सकेंगे. नेशनल फेसलेस अपीलेट ट्रिब्यूनल बनेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी के लिए घर हमारे लिए प्राथमिकता है. होम लोन पर ब्याज में 1.5 लाख रुपये की कटौती का प्रावधान था. अब किफायती घर के लिए ब्याज में 1.5 लाख रुपये की एक्स्ट्रा छूट 31 मार्च 2022 तक मिलेगी.
खेत-खलिहान के लिए
साल 2021-22 में एग्रीकल्चर क्रेडिट टारगेट 16.5 लाख करोड़ का है. ऑपरेशन ग्रीन स्कीम में जल्द खराब होने वाली 22 फसलों को शामिल किया जाएगा. एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड तक एपीएमसी की भी पहुंच होगी. कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट जैसे शहरों में 5 बड़े फिशिंग हार्बर बनेंगे. तमिलनाडु में मल्टीपर्पज सी-विड पार्क बनेगा.
वन नेशन, वन राशन कार्ड को 32 राज्यों में लागू किया जाएगा. 86 फीसदी लोगों को इसमें कवर किया जा चुका है. उज्ज्वला योजना का फायदा 1 करोड़ और महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा.
अर्थजगत के लिए
इंश्योरेंस एक्ट 1938 में बदलाव किया जाएगा. इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा. आईडीबीआई के साथ-साथ दो बैंक और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी में विनिवेश होगा. इसके लिए कानून में बदलाव होंगे.
सरकारी बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. बैंकों को एनपीए से छुटकारा दिलाने के लिए एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई जाएगी.
डिजिटल जनगणना
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में होने वाली अगली जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी. इस पर इस साल 3768 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने कहा कि गोवा पुर्तगाल से आजादी का डायमंड जुबली ईयर सेलिब्रेट कर रहा है. इसके लिए 300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. असम और बंगाल की महिला टी-वर्कर्स और उनके बच्चों के लिए 1000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से 100 नए सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी.
लद्दाख में हायर एजुकेशन के लिए लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी.
आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार होगा.
अनुसूचित जाति के 4 करोड़ बच्चों के लिए 6 साल में 35219 करोड़ रुपये खर्च होंगे. आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी लाई जाएगी.
स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च
कोरोना वैक्सीन पर 2021-22 में 35 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे. जरूरत पड़ी तो और ज्यादा फंड दिया जाएगा. न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा. मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा.
निमोकोक्कल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा. इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी.
64,180 करोड़ रुपये के बजट के साथ प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू होगी. यह बजट नई बीमारियों के इलाज के लिए भी होगा. 70 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को इससे मदद मिलेगी. 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल शुरू होंगे. नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को मजबूत किया जाएगा.
इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल शुरू किया जाएगा ताकि पब्लिक हेल्थ लैब्स को कनेक्ट कर सकें. 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स शुरू किए जाएंगे. 9 बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब शुरू होंगी.
विस्टा डोम कोच शुरू होंगे ताकि यात्रियों को अच्छा अनुभव हो. हाई डेंसिटी नेटवर्क, हाई यूटिलाइज नेटवर्क पर ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शुरू किए जाएंगे. ये सिस्टम देश में बनेंगे.
1.10 लाख करोड़ रुपये रेलवे को दिए जा रहे हैं. 1.07 लाख करोड़ रुपये सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए हैं.
शहरी इलाकों में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा. 20 हजार बसें तैयार होंगी. इससे ऑटो सेक्टर को मदद मिलेगी और रोजगार बढ़ेगा.
मेट्रो का विस्तार
देश में 702 किमी मेट्रो अभी चल रही हैं. 27 शहरों में कुल 1016 किमी मेट्रो पर काम चल रहा है. कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी.
कोच्चि मेट्रो में 1900 करोड़ की लागत से 11 किमी हिस्सा बनाया जाएगा. चेन्नई में 63 हजार करोड़ रुपये की लागत से 180 किमी लंबा मेट्रो रूट बनेगा. बंगलुरु में भी 14788 करोड़ रुपये से 58 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी. नागपुर 5976 करोड़ और नासिक में 2092 करोड़ से मेट्रो बनेगी.
भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे. 3500 किमी नेशनल हाईवेज प्रोजेक्ट के तहत तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसका कंस्ट्रक्शन अगले साल शुरू होगा.
1100 किमी नेशनल हाईवे केरल में बनेंगे. इसके तहत मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी बनेगा. केरल में इस पर 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
बंगाल में 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से हाईवे बनेंगे. कोलकाता-सिलीगुड़ी रोड का अपग्रेडेशन होगा. 34 हजार करोड़ रुपये असम में नेशनल हाईवेज पर खर्च होंगे.
वॉलंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी लाई जाएगी, ताकि पुरानी गाड़ियों को हटाया जा सके. इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा. पर्सनल व्हीकल 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल 15 साल बाद स्क्रैप किए जा सकेंगे.