"मुझे इस बारे में सिर्फ सोचने में ही तीन दिन लग गए," सुल्ली डील से पीड़ित मुस्लिम लड़की की आपबीती
देश और दुनियाभर में सोशल मीडिया पर महिलाओं को टारगेट करने के मामले तो आए दिन सामने आते रहते हैं. लेकिन भारत में पिछले दिनों कुछ मुस्लिम महिलाओं के साथ साइबर क्राइम की इतनी घिनौनी बदसलूकी का मामला सामने आया जिसे देखकर शर्म भी शर्मा जाए.
महिलाओं को नीचा दिखाने में कुछ लोग खुद कितना नीचा गिर गए, शायद इन्हें भी उसका अंदाजा न हो.
दरअसल पिछले दिनों कुछ मुस्लिम महिलाओं की सोशल मीडिया तस्वीर के साथ एक ओपेन-सोर्स ऐप बनाया गया. इस ऐप का नाम था- 'सुल्ली फॉर सेल'. सुल्ली डील्स एप पर सैंकड़ों से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं जिनमें ज्यादातर पत्रकार, एक्टिविस्ट, स्टूडेंट थी की उनकी अनुमति के बिना फोटो डाल दी गई. जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. इसमें इस्तेमाल की गई मुस्लिम महिलाओं की जानकारी ट्विटर से ली गई थी. इसमें तकरीबन 80 से ज़्यादा महिलाओं की तस्वीर, उनके नाम और ट्विटर हैंडल दिए गए थे. इस ऐप में सबसे ऊपर पर लिखा था- 'फाइंड योर सुल्ली डील'. इस पर क्लिक करने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर, नाम और ट्विटर हैंडल की जानकारी यूज़र से साझा की जा रही थी. इस ऐप पर उन्हीं मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया है जो सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज़ बेबाकी के साथ रखती हैं.
Sanghis have found a new way to harass muslim women online. They have made a website which randomly picks images of muslim girls and gives an option to post it on twitter with a poster titled "Your sulli deal of Day" cc: @Cyberdost pic.twitter.com/9KIWwEko7v
— Adab e Hindustan ❤️ ???????? (@adabehindustan) July 4, 2021
इसके बाद अच्छा-खासा हंगामा खड़ा हो गया था. कुछ महिलाओं ने इस हैरेसमेंट के खिलाफ़ दिल्ली महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई. दिल्ली महिला आयोग ने इस पर संज्ञान लिया था और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी. दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने गिटहब एप से रिपोर्ट मांगी है. हालांकि अभी तक इस केस में कुछ सफलता नहीं मिल पाई है.
Issued Notice to Police on a very serious matter of cyber crime where pictures of several Muslim women were displayed online without their consent and termed as ‘Sulli Deal of the day’. FIR should be registered and strong action should be taken. #SulliDeals pic.twitter.com/MyvKGTsvJ1
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 7, 2021
एशियाविल ने सुल्ली डील एप की पीड़ित एक लड़की से इस बारे में विस्तार से बातचीत की.
कोलकाता की नूर महविश भी उन प्रताड़ित महिलाओं में से हैं जो इस साइबर क्राइम का शिकार हुईं. कानून की पढ़ाई कर रहीं महविश ने मुझे बताया, “4 जुलाई को मैंने ये देखा कि ट्विटर पर एक ट्रेड चल रहा है जिसमें लोग मुस्लिम महिलाओं के ऑब्जेक्टिफिकेशन के बारे में बात कर रहे थे. तो मैंने सोचा कि ये कोई नार्मल होगा मुझे तब तक पता नहीं था कि यह क्या हो रहा है. क्योंकि 'ऑब्जेक्टिफिकेशन ऑफ मुस्लिम वुमन'इंडियन पॉलिटिक्स में बहुत अहम मुद्दा बन गया है. पांच तारीख को मेरी एक फ्रेंड में मुझे मैसेज भेजा कि इसमें मेरा भी नाम है. फिर जब मैंने चेक किया तो वेबसाइट पूरी तरह डाउन हो चुकी थी. वह सिनेरियो बहुत अलग था. हालांकि चार को मैंने वह देखा था तो मैं उसमें ज्यादा डिटेल में नहीं गई. उसमें कुछ और मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें तो थी. लेकिन मैंने यह कभी एक्सपेक्ट नहीं किया था कि मेरा भी फोटो उसमें हो सकता है. उसमें मेरी फोटो थी और बायो में लिखा हुआ था 'जय श्री राम.”
महविश बताती हैं, "जब आप उसके लिंक पर क्लिक करोगे तो उस पर लिखा मिलता था- फाइंड योर सली डील. फिर उस पर क्लिक करने पर वहां एक लड़की का फोटो और उसका टि्वटर हैंडल मिलता था. और उस पर लिखा था कि यह आपकी सली ऑफ डे है. जो उन्होंने मेरी प्रोफाइल फोटो दी थी वह मेरे ट्विटर अकाउंट पर थी जिसे मैंने अभी कुछ दिन पहले चेंज कर दिया था. और उसके बाद जो लोग मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को मेंशन करके कमेंट कर रहे थे. 2-3 टि्वटर हैंडल निकलकर बाहर भी आए यानि बहुत सारी चीजें हुई. अब अगर एक इंसान के 200 फॉलोअर्स हैं और उनमें से दो भी उसे अमल करते हैं कि मुस्लिम महिलाओं के साथ ऐसा करना चाहिए तो यह भी बड़ी बात है. मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ क्राइम बढ़ता ही जा रहा है. यह सोचने वाली बात है कि वह उनके पास आपका डेटा है और वह काफी दिन से जमा कर रहे थे. यह चीजें काफी पहले से चल रही थी 20 दिन पहले फोटो अपलोड किया गया लेकिन आउटरेज 4 जुलाई को हुआ."
महविश आगे बताती हैं, "और इसके पीछे कौन है अभी इसका कुछ पता नहीं चल पाया है. हालांकि मैंने 9 तारीख को कोलकाता में केस फाइल कर दिया था. और दो-तीन बार हम साइबर पुलिस स्टेशन जा भी चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई आउटकम नहीं निकला. हालांकि ट्विटर पर कुछ लोग थे. मेरे पास स्क्रीनशॉट की है जिसमें एक ने लिखा है कि यह मैंने बनाया है और यह कुछ दिन बाद वापस किया जाएगा. लेकिन आप मुझे पकड़ नहीं सकते. लेकिन मैं यह श्योर नहीं हूं कि यह वही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर वह मिल भी जाता है तो उसके साथ होगा क्या! सोचने वाली बात यह है कि 2002 में इतना बड़ा नरसंहार हुआ मुस्लिम महिलाओं के साथ. 60 परसेंट महिलाओं को उनका गैंग रेप करके जला दिया गया. कुछ ही महिलाओं की स्टोरी सामने आई. यह सिचुएशन है जहां महिलाओं को खुलेआम रेप की धमकियां दी जा रही है, उनको बेचा जा रहा है. 1000 साल पहले भी ऐसा नहीं होता था. और बड़ी बात यह है कि जो बड़े-बड़े नेता है जो मुस्लिमों के हिमायती बनते हैं वह चुप हैं.”
और यह महिलाओं की नहीं मुस्लिम महिलाओं का मसला है. जब 2019 में सीएए प्रोटेस्ट हुआ, मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ किस तरह की बयानबाजी नहीं की गई… बीजेपी के नेताओं ने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ कैसे-कैसे बयान दिए. 2019 में बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष का बयान आया था दिल्ली में कि मुस्लिम महिलाओं के साथ रेप करना चाहिए. यह उसी का नतीजा है और आगे कुछ और भी हो सकता है. और इसमें भी रैंडम महिलाएं नहीं है बल्कि वही महिलाएं ज्यादा है जो रिसर्चर हैं, एक्टिविस्ट है, जर्नलिस्ट हैं. कुछ लोग इसको बिल्कुल सिंपलीफाई कर रहे हैं कि यह महिलाओं का इश्यू है. नहीं! यह महिलाओं का बिल्कुल भी इश्यू नहीं है.”
अंत में महविश कहती हैं, “जैसे ही मुझे इसका पता चला तो वह पल बहुत डरावना था. कुछ मेरे रिश्तेदारों ने भी सोशल मीडिया पर ये चीजें देखीं और उन्होंने मुझे कॉल किया. तीन दिन लगा मुझे सिर्फ सोचने में कि अब इस बारे में क्या करना चाहिए. मेरे भाई और बहन को इस बारे में पता है. लेकिन आज भी मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं इस बारे में अपनी अम्मी को बताऊं. जबकि मेरी अम्मी खुद भी काफी एक्टिव हैं. हमने कोलकाता में प्रोटेस्ट भी किया है. लेकिन उनको यह बताना कि उनकी बेटी को बेचा जा रहा है यह किसी भी तरह के लिए बर्दाश्त करना नामुमकिन है. लेकिन इसके बाद यही सवाल है कि एक सिंगल मदर होने के नाते वह मुझे वापस दूसरे स्टेट में पढ़ने के लिए कैसे भेजेंगे. लेकिन मैं जरूरी और जब तक मुझसे हो सकेगा हालांकि मुझे कोई खास उम्मीद नहीं है. लेकिन मेरे हाथ में फिर भी इतना है कि मैं लड़ सकती हूं.”
एडिटर गिल्डस ऑफ इंडिया ने भी मुस्लिम महिलाओं, महिला पत्रकारों पर हुए इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया और डिज़िटल प्लेटफॉर्म का इस तरह इस्तेमाल कर महिला पत्रकारों को डराने का तरीका चिंतित करने वाला है.
The Editors Guild of India considers it reprehensible that images of women journalists and other professionals from minority community were posted online and shared over social media, in a denigrating manner, putting them “up for auction”. pic.twitter.com/HIm1Oos1c5
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) July 7, 2021
इसके अलावा बिहार के किशनगंज से राज्यसभा सांसद मोहम्मद जावेद ने भी संसद भवन में गांधी प्रतिमा के पास इस मामले में पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया.
Muslim Women are not for Sale
— Dr Md Jawaid (@DrMdJawaid1) July 19, 2021
We demand strict action against the criminals behind #SulliDeals and Liberal Doge. Protested against police inaction with my @INCIndia Colleagues @saptagiriulaka @MPAbdulKhaleque and NCP MP @faizalpp786 @RahulGandhi pic.twitter.com/7avYYDgDc7
जिसमें लिखा था कि मुस्लिम महिलाएं बिक्री के लिए नही हैं.