हिंदी फिल्म उद्योग काफी लोकतांत्रिक हुआ है : माधुरी
गुजरे जमाने की अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने कहा है कि हिंदी फिल्म उद्योग काफी हद तक लोकतांत्रिक हुआ है.
अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने कहा है कि पिछले कुछ सालों में हिंदी फिल्म उद्योग लोकतांत्रिक हुई है. अब यहां उनकी जैसी अभिनेत्री के लिए कुछ अन्य क्षेत्रों में भी काम करने का मौका है.
अभिनय के अलावा माधुरी ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा है. वो अंगरेजी में पॉप एलबम भी लेकर आ रही हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह काम का मौका कलाकारों के लिए पहले नहीं था.
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में माधुरी ने कहा, ' मैं अलग-अलग चीजें करना पसंद करती हूं, गाने गाना, नाचना और फिल्में बनाना मेरे कार्यक्षेत्र का हिस्सा हैं. मुझे अलग-अलग चीजों के साथ प्रयोग करना पसंद है. इस वजह से मैंने एलबम में गाने गाए, क्योंकि यह भी भावनाएं व्यक्त करने का एक तरीका है. यही सब मैं अपने गानों के साथ करना चाहती हूं. इसलिए यह गाने के जरिए आपकी भावनाओं का इजहार है.'
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अभी बॉलिवुड का जो माहौल है, उसने मुझे यह सब करने का दिया.
फिल्म निर्माण की प्रक्रिया
माधुरी दीक्षित ने कहा कि इन दिनों फिल्म निर्माण की प्रक्रिया भी पूरी तरह बदल गई है. उन्होंने कहा कि अब फिल्मों में नाच-गाना अनिवार्य नहीं रह गया है. आज फिल्म इंडस्ट्री में विषय वस्तु पर केंद्रित हो गई है.
गुजरे जमाने की इस अभिनेत्री ने कहा कि उनके दौर में फिल्म के लिए गाने जरूरी होते थे, उनमें से एक सुखद और एक दुखद गाना होना चाहिए.
माधुरी दीक्षित में हिंदी फिल्म जगत में आए बदलाव पर कहा कि आज के दर्शक दुनिया भर की फिल्में देखकर काफी उदार हो चुके हैं, अब वो एक सामान्य हिंदी फिल्म की जगह कुछ अलग तरह की फिल्में देखना चाहते हैं.
माधुरी एक बार फिर पर्दे पर धमाल मचाने वाली हैं. वो इंद्र कुमार की फिल्म 'टोटल धमाल' में नजर आएंगी.
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