'पैसे पेड़ पर नहीं लगते' यह ज्ञान हमेशा ग़रीब और मज़दूर के लिए ही क्यों
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो पैकेज कोरोना महामारी से पैदा हालात से निपटने के लिए घोषित किया है, वित्त मंत्री उस 20 लाख करोड़ पर रोज़ प्रैस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. लेकिन मज़ूदर अभी भी सड़क पर धक्के खा रहा है.
सरकार रोज़ बताती है कि इस देश में अलग अलग क्षेत्र और वर्गों को 20 लाख करोड़ रूपए में से कितना किसे मिलेगा. नरेन्द्र मोदी सरकार बड़े फ़ैसलों के लिए जानी जाती है. इस सरकार ने नोटबंदी, जीएसटी जैसे फ़ैसले भी लिए. इन फ़ैसलों से भी आम आदमी को काफ़ी मुश्किलें झेलनी पड़ी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी उम्मीदें बंधी रहीं. उन्होने 2019 में 2014 से भी बड़ा जनादेश उन्हे दिया.
लेकिन कोरोना महामारी के दौरान नरेन्द्र मोदी सरकार के फ़ैसलों ने करोड़ों लोगों की ज़िंदगी में ना सिर्फ़ मुश्किलें पैदा की, बल्कि उसे कदम कदम पर अपमानित होना पड़ा है. कभी उन्हें कोरोना बम कहा गया था कभी जाहिल. सैंकड़ों हज़ारों किलोमीटर पैदल ही चलते मज़दूरों की रोज़ दुर्घटनाओं और भूख प्यास की वजह से मौत हो रही है. इन तस्वीरों ने भारत का सिर पूरी दुनिया में झुका दिया.
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